नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है. एमफिल और पीएचडी के लिए मई में हुए एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट आ चुका है लेकिन छात्रों का आरोप है की रिजल्ट आने के बाद भी उन्हें इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया है.
जेएनयू छात्र संगठन की वाइस प्रेसिडेंट सारिका चौधरी ने बताया कि उनके पास कई छात्रों की शिकायत है कि इंटरव्यू के लिए मिनिमम एलिजिबिलिटी 50 फीसदी नंबर रखे गए थे लेकिन बावजूद इसके उनको अभी तक इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया है.
छात्र संगठन ने दर्ज कराया विरोध
सारिका चौधरी ने बताया कि इस बार जेएनयू प्रशासन की तरफ से जो एंट्रेंस प्रक्रिया रखी गई है, उससे काफी छात्रों को परेशानी हुई है. पूरा सिस्टम ऑफलाइन कर दिया गया और एंट्रेंस टेस्ट को सिर्फ इंग्लिश में ही छात्रों को उपलब्ध कराया गया. दूरदराज इलाकों से आने वाले छात्रों के बारे में नहीं सोचा गया.
'ऑफलाइन एंट्रेंस से हुई परेशानी'
सारिका चौधरी का कहना था जेएनयू के प्रोस्पेक्टस में यह साफ लिखा गया था कि जो छात्र 50 फीसदी नंबर लेकर आता है, उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. बावजूद इसके छात्रों की तरफ से शिकायत आ रही है कि उनके 80 फीसदी से ज्यादा नंबर आए हैं. इसके बाद भी उन्हें अभी तक इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया है.