नई दिल्ली:देश के युवाओं का आकर्षण अब जॉब आरिएंटेड कोर्सेस की ओर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे बहुत से कोर्स हैं, जिनके द्वारा एक अच्छी जॉब आसानी से मिल सकती है. ऐसा ही एक क्षेत्र हेल्थ सेफ्टी एंड एन्वायरनमेंट भी है, जिसमें रोजगार के बड़े अवसर हैं. खासतौर पर प्राकृतिक आपदाओं और आग लगने जैसी घटनाओं के मामलों ने इस क्षेत्र में करियर के अवसरों को और ज्यादा बढ़ा दिया है.
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में प्रशिक्षत और अनुभवी युवाओं की मांग और तेजी से बढ़ेगी. इसलिए जो लोग इस क्षेत्र में करियर की बुलंदी तक पहुंचना चाहते हैं, वे डिप्लोमा से लेकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्सेज कर सकते हैं. ट्रेड डिप्लोमा इन हेल्थ सेफ्टी एंड एन्वायरनमेंट का कोर्स करने के लिए अभ्यर्थी का 12वीं या इसके समकक्ष पास होना अनिवार्य है. यह कोर्स 18 महीने का होता है. साथ ही फायर टेक्नॉलॉजी एंड इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट का सर्टिफिकेट कोर्स भी किया जा सकता है. हालांकि फायरमैन, सब ऑफिसर, असिस्टेंट डिवीजनल ऑफिसर, डिवीजनल ऑफिसर जैसे पदों के लिए अलग अलग कोर्स किए जा सकते हैं.
हेल्थ सेफ्टी एंड एन्वायरनमेंट से जुड़े लोगों को आमतौर पर सामान्य सेवाओं से जुड़ा मान लिया जाता है. खास बात है कि यह कोर्स करने के बाद औद्योगिक क्षेत्र में ऐसे प्रशिक्षित युवाओं की मांग ज्यादा है. सरकारी और निजी क्षेत्र में अब 'मल्टी टास्क सर्विस' का चलन तेजी से बढ़ा है. इसका मतलब ये है कि ऐसा व्यक्ति जो कई तरह की जिम्मेदारी उठा सकता हो. यानी जो युवा हेल्थ सेफ्टी एवं एन्वायरनमेंट, डिजास्टर मैनेजमेंट के साथ फायर फाइटिंग और हेल्थ सेफ्टी मैनेजमेंट का भी प्रशिक्षण ले चुके होते हैं, उन्हें नौकरी में प्राथमिकता दी जाती है. किसी बड़ी कंपनी और औद्योगिक संस्थान में ऐसे कर्मचारियों के पद नाम अलग हो सकते हैं, लेकिन इनका काम एक ही होता है.
कार्य का स्वरूप:हेल्थ सेफ्टी एंड एन्वायरनमेंट इंजीनियर का मुख्य काम, आपदा या दुर्घटना के कारणों का पता लगाना और उसकी रोकथाम करना होता है. साथ ही आग, पानी और दूसरी तरह की आपदाओं से बचाव की जिम्मेदारी भी इन्हीं लोगों की होती है. फायर फाइटिंग सिविल, इलेक्ट्रीकल, एंवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग भी इसी से जुड़ा क्षेत्र है. मसलन महामारी की रोकथाम के उपायों से संबंधित यंत्रों की तकनीकी जानकारी, स्प्रिंकलर सिस्टम, अलार्म, केमिकल या सैनेटाइजर की बौछार का सबसे स्टीक इस्तेमाल, कम से कम समय और संसाधनों में ज्यादा से ज्यादा जान और काम की रक्षा करना उसका उद्देश्य होता है.
क्या है शैक्षणिक योग्यता:इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए डिग्री की जरूरत तो है ही, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरत विशेष योग्यताओं की है. हेल्थ सेफ्टी एंड एन्वायरनमेंट विशेषज्ञ के अंदर साहस और धैर्य के साथ लीडरशिप व तुरंत निर्णय लेने की क्षमता का होना जरूरी है. ताकि किसी भी बड़ी दुर्घटना को कंट्रोल किया जा सके. डिप्लोमा या डिग्री में दाखिले के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य है. इसमें प्रवेश के लिए ऑल इंडिया एंट्रेंस एक्जाम होता है. इसके लिए केमिस्ट्री के साथ फिजिक्स या गणित विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है.