नई दिल्ली : आईपीएल के 12वें संस्करण में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और मुंबई इंडियंस के मैच में एस.रवि का आखिरी गेंद को नो बॉल मिस करने का विवाद ठंडा भी नहीं पड़ा था कि किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली कैपिटल्स के मैच में अंपायर अनिल चौधरी ने हर्डस विलजोएन की गेंद पर दिल्ली के बल्लेबाज कॉलिन इनग्राम को पगबाधा करार दे दिया था जबकि इस समय गेंद लेग स्टम्प के बाहर जाती दिख रही थी.
इस पर रिव्यू लिया गया था और डीआरएस में अंपायर के फैसले को बनाए रखने को कहा गया था.
प्रसारणकर्ता के एक अधिकारी ने कहा कि निर्णय समीक्षा प्रणाली को बैकअप के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए ना कि प्राथमिक विकल्प के तौर पर इसका इस्तेमाल होना चाहिए.
अधिकारी ने ये भी कहा, "डीआरएस अंपायरों का बचाव नहीं करेगा और न ही उनके द्वारा की जा रही गलतियों को सुधारेगा. भारतीय अंपायरों को अपने अंदर सुधार करने और गलतियां कम करने की जरूरत है. गलतियां हालांकि इंसान से ही होती हैं, लेकिन सोमवार के मैच में जो गलती हुई वो चौधरी जैसे सीनियर अधिकारी से नहीं होने चाहिए थी. हम चिंतित हैं क्योंकि जो सुविधाएं दी जा रही हैं वो विश्व स्तर की हैं और फिर इसके बाद जब इस तरह के गलत फैसले होते हैं तो यह हर चीज को बिगाड़ देता है."