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Published : Jul 8, 2019, 7:37 AM IST

ETV Bharat / sports

'धोनी में विपरीत स्थितियों से लड़कर मजबूती से आगे बढ़ने की क्षमता है'

धोनी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके दोस्त और मैनेजर अरुण पांडे ने कहा है कि, 'धोनी में अभी भी अपने आलोचकों का मुंह बंद करने की क्षमता है.'

Arun pandey

लंदन: भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रविवार को 38 साल के हो गए है. मौजूदा विश्व कप में उनके प्रदर्शन के कारण उनकी आलोचना हो रही है और माना जा रहा है कि वह कभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं. लेकिन, उनके लंबे समय से दोस्त और मैनेजर अरुण पांडे का कहना है कि धोनी में अभी भी अपने आलोचकों का मुंह बंद करने की क्षमता है.

धोनी को जन्मदिन की बधाई देते हुए पांडे ने कहा, "मैं अपने दोस्त और दिग्गज क्रिकेटर एम.एस. धोनी पर पिक्चराइज हुए गीत 'बेसब्रियां' से शुरुआत करना चाहूंगा क्योंकि इसमें धोनी की यात्रा बहुत खूबसूरती से दिखाई गई है जो संघर्ष, उपलब्धियों और आलोचनाओं से भरी हुई है."

महेंद्र सिंह धोनी

विश्व कप में धीमी बल्लेबाजी के कारण धोनी की आलोचना हो रही है और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह टूर्नामेंट के समाप्त होने के बाद वह संन्यास ले सकते हैं.

पांडे ने कहा, "उन्होंने अपने करियर में बहुत लंबा सफर तय किया है. उन्होंने सबसे पहले अपनी पहचान बनाने के लिए लड़ाई लड़ी, उसके बाद खुद की आर्थिक रूप से मदद की और क्रिकेट में लगातार आगे बढ़े. 2011 में उन्होंने टीम को विश्व कप का खिताब दिलाया और फिर नए खिलाड़ियों के आने के कारण उन्हें अपने फॉर्म को भी बेहतरीन रखना पड़ा. यह सब देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उनका करियर बेहद रोमांचक रहा है."

धोनी के दोस्त अरुण पांडे ने कहा, "इसलिए शायद उन्होंने इतनी आलोचना के बाद उम्मीद नहीं खोई है. धोनी को करियर में सराहना एवं आलोचना दोनों झेलनी पड़ी है और यह भी कुछ ऐसे लोगों से भी जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शायद एक गेंद तक नहीं खेली है."

धोनी के दोस्त और मैनेजर अरुण पांडे

वह मानते हैं कि उनके दोस्त में अभी खुद को बेहतर करते हुए वापसी करने का माद्दा है.

पांडे ने कहा, "लोग इस बारे में बात कर रहे हैं कि धोनी के अच्छे दिन जा चुके हैं और उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए, लेकिन हम यह जानते हैं कि धोनी को कभी कमतर नहीं आंका जा सकता है. उन्होंने हमें बार-बार दिखाया कि वे, भारतीय क्रिकेट के फीनिक्स की तरह, राख से फिर उठते हैं और मजबूत व बेहतर होकर आगे आ सकते हैं."

गौरतलब है कि धोनी ने 2004 में अपना वनडे डेब्यू किया था और पिछले 15 साल के भारतीय क्रिकेट का अहम चेहरा बने हुए हैं.

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