हैदराबाद : दिग्गज अभिनेता सौमित्र चटर्जी का आज कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है. वह 85 वर्ष के थे. सौमित्र कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए थे, लेकिन उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली.
उनका जन्म 19 जनवरी 1935 को ब्रिटिश भारत के दौरान बंगाल के कृष्णा नगर में हुआ था. उनका वास्तविक नाम उत्तम कुमार था.
सौमित्र ने अपने शुरुआती वर्षों के दौरान हावड़ा जिला स्कूल और कलकत्ता में पढ़ाई की. जिसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से बंगाली साहित्य से स्नातक किया. कलकत्ता विश्वविद्यालय से बंगाली में अपने एम.ए. के छात्र रहते हुए अभिनेता ने बंगाली थिएटर के प्रसिद्ध अभिनेता-निर्देशक अहिंद्र चौधरी के अधीन अभिनय भी सीखा.
सौमित्र चटर्जी को भारत सरकार द्वारा 2004 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. उन्हें संगीत नाटक अकादमी और कई फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. सौमित्र चटर्जी को फिल्मों में उनके अमूल्य योगदान के लिए 2012 में दादा साहेब फालके पुरस्कार से नवाजा गया था.
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो में एक उद्घोषक के रूप में की. जिसके बाद उन्होंने सत्यजीत रे के साथ काम करना शुरू कर दिया और दोनों ने साथ में 14 फिल्में बनाईं.
ये बांग्ला फिल्में हैं - 'अपुर संसार', 'देवी', 'तीन कन्या', 'अभिजन', 'चारुलता', 'कुपुरुष', 'अरंयेर दिन रात्रि', 'अशनी संकेत', 'सोनार केला', 'जोय बाबा फेलुनाथ', 'हीरक राजार देशे', 'घरे बैरे', 'गणशत्रु' और 'शाखा प्रोशाखा'.