नई दिल्ली : डब्ल्यूएचओ की विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) का दो दिवसीय 73वां सत्र जिनेवा में शुरू हुआ. यह वायरस की चीन के शहर वुहान में उत्पत्ति और उसके बाद चीन द्वारा उठाये गए कदमों की की जांच के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगातार बनाए जा रहे दबाव की पृष्ठभूमि में हो रही है.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को घोषणा की कि उनका देश कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए अगले दो वर्ष में दो अरब डॉलर मुहैया करायेगा. उन्होंने साथ ही कहा, 'हमने बिना कुछ छिपाये विश्व के साथ महामारी पर नियंत्रण और उपचार के अनुभवों को साझा किया है. हमने जरूरत पड़ने पर देशों की सहायता करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर संभव प्रयास किये हैं.'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि देश ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए समय से सभी आवश्यक कदम उठाए. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश ने इस बीमारी से निपटने में अभी तक अच्छा कार्य किया है और उसे आने वाले महीनों में बेहतर करने का भरोसा है.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रॉस ऐडनॉम ग़ैब्रेयेसस ने कहा था कि यह आयोजन 1948 में हमारी स्थापना के समय के बाद से अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रमों (विश्व स्वास्थ्य सभाओं) में से एक होगा. उन्होंने संकल्प जताया कि वह संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के कोरोना वायरस महामारी को लेकर प्रतिक्रिया का स्वतंत्र मूल्यांकन शुरू करेंगे और यह 'जल्द से जल्द उचित समय पर होगा।.'
हालांकि इसको लेकर चिंताएं हैं कि अमेरिका-चीन के बीच तनाव से कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए जरूरी कड़े कदम प्रभावित हो सकते हैं.
चीन और अमेरिका के बीच टकराव का कारण ट्रंप प्रशासन द्वारा ताईवान को डब्ल्यूएचओ में शामिल करने पर जोर देना भी है. चीन ने इस कदम का कड़ा विरोध किया है क्योंकि वह ताईवान को अपना हिस्सा बताता है.
सत्ताइस देशों वाले यूरोपीय संघ द्वारा आगे बढ़ाये गए मसौदा प्रस्ताव को कई देशों ने डब्ल्यूएचए में चर्चा के लिए समर्थन दिया है. इसमें कोविड-19 के प्रति डब्ल्यूएचओ की समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का चरणबद्ध तरीके से निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं समग्र आकलन का आह्वान किया गया है.
इसमें हालांकि चीन का उल्लेख नहीं किया गया है. कोरोना वायरस सबसे पहले चीन के वुहान में पिछले वर्ष दिसम्बर में सामने आया था. उसके बाद से यह 180 से अधिक देशों में फैल गया है.