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हांगकांग में योजनाबद्ध विरोध प्रदर्शन, रेल सेवाएं बधित

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Published : Oct 6, 2019, 7:38 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 7:48 PM IST

हांगकांग में पिछले कई दिनों से प्रत्यर्पण बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. देश में कई बार प्रदर्शन के दौरान रेल सेवा बधित हो गई है. लेकिन इस बार हांगकांग के 40 साल इतिहास में पहली बार रेल सेवा के साथ शहर की प्रमुख शॉपिंग माल बंद रहे. जानें पूरा विवरण

हांगकांग में प्रदर्शन

हांगकांगः प्रत्यर्पण बिल को लेकर हांगकांग में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है. विरोध प्रदर्शन के बीच ट्रेन सेवाओं को आंशिक रुप से शुरू किया गया है. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने सरकार के एंटी मॉस्क कानून के खिलाफ योजनाबद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे दर्जनों स्टेशन फिर से बंद कर दिए गए हैं.

मास ट्रांजिट रेलवे (एमटीआर) निगम ने 94 में से 45 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर आवागमन रोक दिया और रेलवे ऑपरेटर ने प्रदर्शन कारियों के द्वारा स्टेशन पर किए गए नुकसान का मरम्मत करने में लगे. इसके कारण पांच अक्टूबर को पूरे रेल नेटवर्क को बंद कर दिया गया था.

हांगकांग में रेल सेवा बधित

रेल निगम ने कहा कि सभी सेवाएं रात नौ बजे बंद हो जाएगी और रविवार को स्टेशनों की मरम्मत की जाएगी.

ऑपरेटर ने कहा कि रेलवे शहर के प्राथमिक परिवहन है. इसे आंशिक रुप से खोलने का निर्णय पुलिस और सरकारी विभागों के साथ नुकसान का आकलन करने बाद लिया गया. निर्णय में कहा गया है कि बिना चेतावनी के स्टेशनों को कभी भी बंद किया जा सकता है.

हांगकांग में प्रदर्शन करते लोग

40 साल के इतिहास में एमटीआर के पहले दिन सेवा निलंबन के साथ शहर के कई प्रमुख मॉल और दुकानें बंद कर दी गईं. हालांकि कुछ दुकानें रविवार को फिर से खुल गईं, लेकिन अभी भी व्यापक रुप में दुकाने बंद है. छह अक्टूबर दोपहर कॉजवे बे और त्सिम शा त्सू में विरोध प्रदर्शन होने वाले थे.

पढ़ेंः संयुक्त राष्ट्र की सभी पक्षों से अपील, हांगकांग में बंद करें हिंसा

गौरतलब है कि हांगकांग की सरकार द्वारा सार्वजनिक सभाओं में मास्क पहनने वालों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस कानून के कारण हिंसा और तेज हो गई है. अभी तक हांगकांग में ऐसा कानून नहीं बना था. यह विवादास्पद प्रतिबंध प्रदर्शन के दौरान चेहरे को छिपाने से रोक देता है. इससे प्रर्दशन करने वाले लोगों की पहचान होने की संभावना बढ़ जाती है.

बता दें कि हांगकांग की नेता कैरी लैम से यह कानून इस उम्मीद से लगाया था कि सरकार के खिलाफ चल रहे कई महीनों से प्रदर्शन बंद हो जाए.

Last Updated : Oct 6, 2019, 7:48 PM IST

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