इस्लामाबाद : एफएटीएफ द्वारा शुक्रवार को पाकिस्तान को नोटिस दिया गया. इसके बाद पाकिस्तान सरकार हताश दिखने लगी है. पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाक सरकार समय पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्यों को पूरा करेगी और देश ग्रे लिस्ट से बाहर हो जाएगा.
कुरैशी ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा, 'भारत चाहता है कि पाक ब्लैकलिस्ट हो जाए.'
गौरतलब है कि पाक सरकार को एफएटीएफ के मुख्यालय पेरिस से शुक्रवार को नोटिस दिया गया. नोटिस में एफएटीएफ ने कहा कि पाक अगर फरवरी तक आतंकी फंडिंग को नियंत्रित नहीं करता तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा.
एफएटीएफ प्लेनरी ने कहा , 'पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों को हो रही फंडिंग को नियंत्रित करने के लिए दिए गए 27 कार्ययोजनाओं में से केवल पांच को ही पूरा किया, जो भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं.'
'पाक जल्द ही ग्रे लिस्ट से बाहर होगा'
कुरैशी ने कहा, 'भारत पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में कराने में विफल रहा है. देश को फरवरी 2020 तक विभिन्न कार्य दिए गए हैं. सरकार समय पर सभी लक्ष्यों को प्राप्त करेगी और देश को ग्रे सूची से बाहर कराएगी.
उन्होंने कहा कि एफएटीएफ ने सरकार द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों को मान्यता दी है.
आपको बता दें कि एफएटीएफ की बैठक के दौरान, कई देशों ने पाकिस्तान को उसकी धरती पर आतंकी फंडिंग के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने पर चिंता जताई.
'क्या है एफएटीएफ'
एफएटीएफ पेरिस का एक अंतर सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना साल 1989 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था की गरिमा बनाये रखने के लिए, धनशोधन से लड़ने, आतंक का वित्त पोषण रोकने समेत ऐसे ही अन्य खतरों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की गई थी.
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