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पाक विदेश मंत्री का आरोप - भारत चाहता है कि पाक FATF से ब्लैकलिस्ट हो जाए

एफएटीएफ द्वारा शुक्रवार को नोटिस दिए जाने के बाद से पाकिस्तान में हताशा दिखने लगी है. पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत चाहता है कि पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट हो जाए. साथ ही उन्होंने कहा, पाक सरकार समय पर सभी लक्ष्यों को प्राप्त करेगी और देश को ग्रे सूची से बाहर कराएगी. जानें क्या कुछ कहा कुरैशी ने..

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Published : Oct 20, 2019, 5:57 PM IST

इस्लामाबाद : एफएटीएफ द्वारा शुक्रवार को पाकिस्तान को नोटिस दिया गया. इसके बाद पाकिस्तान सरकार हताश दिखने लगी है. पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाक सरकार समय पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्यों को पूरा करेगी और देश ग्रे लिस्ट से बाहर हो जाएगा.

कुरैशी ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा, 'भारत चाहता है कि पाक ब्लैकलिस्ट हो जाए.'

गौरतलब है कि पाक सरकार को एफएटीएफ के मुख्यालय पेरिस से शुक्रवार को नोटिस दिया गया. नोटिस में एफएटीएफ ने कहा कि पाक अगर फरवरी तक आतंकी फंडिंग को नियंत्रित नहीं करता तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा.

एफएटीएफ प्लेनरी ने कहा , 'पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों को हो रही फंडिंग को नियंत्रित करने के लिए दिए गए 27 कार्ययोजनाओं में से केवल पांच को ही पूरा किया, जो भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं.'

'पाक जल्द ही ग्रे लिस्ट से बाहर होगा'
कुरैशी ने कहा, 'भारत पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में कराने में विफल रहा है. देश को फरवरी 2020 तक विभिन्न कार्य दिए गए हैं. सरकार समय पर सभी लक्ष्यों को प्राप्त करेगी और देश को ग्रे सूची से बाहर कराएगी.

उन्होंने कहा कि एफएटीएफ ने सरकार द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों को मान्यता दी है.

आपको बता दें कि एफएटीएफ की बैठक के दौरान, कई देशों ने पाकिस्तान को उसकी धरती पर आतंकी फंडिंग के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने पर चिंता जताई.

'क्या है एफएटीएफ'
एफएटीएफ पेरिस का एक अंतर सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना साल 1989 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था की गरिमा बनाये रखने के लिए, धनशोधन से लड़ने, आतंक का वित्त पोषण रोकने समेत ऐसे ही अन्य खतरों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की गई थी.

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'राजनीतिक प्रदर्शन से कश्मीर पर ध्यान हटाने में मदद'
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) द्वारा 31 अक्टूबर को प्रस्तावित सरकार विरोधी प्रदर्शन की योजना के बारे में पूछे जाने पर कुरैशी ने कहा कि कुछ लोग कभी भी देश में राजनीतिक स्थिरता का हिस्सा नहीं होंगे.

उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रदर्शन से भारत को 'कश्मीर से ध्यान हटाने' में मदद मिलेगी.

पाक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के भारत सरकार के फैसले को उठाने की कोशिश कर चुका है. हालांकि, उसे कामयाबी नहीं मिली.

'कश्मीर भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय मुद्दा'
भारत सरकार के 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में यह फैसला लिए जाने के बाद पाक ने उसके साथ अपने कूटनीतिक संबंधों का स्तर कम कर दिया है. इसके अलावा पाक सरकार ने पाक से भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था.

गौरतलब है भारत सरकार ने पाक की प्रतिक्रिया को हर कदम पर खारिज करते हुए जम्मू-कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताया है.

भारत ने कहा कि कश्मीर भारत और पाक के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है और कोई भी तीसरा देश इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.

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आपको बता दें कि पाक आतंकी गतिविधियों के सिलसिले में सईद के खिलाफ मुकदमा चलाने का दावा करता है, लेकिन उसने अगस्त में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उसके मामले को रखते हुए उसे बैंक खाते तक पहुंच की इजाजत देने का आग्रह किया.

संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति को लिखे एक पत्र में, पाकिस्तान सरकार ने निवेदन किया कि सईद को 'अपने और अपने परिवार के लिए आवश्यक खर्चो को पूरा करने के लिए' मासिक 1.5 लाख पाकिस्तानी रुपये की राशि निकालने की अनुमति दी जाए.

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