नई दिल्ली: सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण और श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्था भारतीय मजदूर संघ 24 से 30 जुलाई तक सरकार जगाओ सप्ताह मना रहा है. इसके तहत भारतीय मजदूर संघ की बैंकिंग और इंश्योरेंस से जुड़ी फाइनांशियल सेक्टर की यूनियन ने सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबजी की. यूनियन बैंकों के निजीकरण और समझौते के बाद भी कई बदलाव नहीं होने की वजह से नाराज है.
केंद्र की निजीकरण नीति के विरोध में सड़कों पर उतरा भारतीय मजदूर संघ
भारतीय मजदूर संघ देश भर में सरकार जगाओ सप्ताह तक मना रहा है. इसी के तहत मंगलवार को बैंकिंग और इंश्योरेंस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ के फाइनांशियल सेक्टर के संगठनों ने सड़कों पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए.
सरकार के सामने रखी दस मांगें
यूनियन ने सरकार के सामने अपनी दस मांगों को भी रखा. इसके तहत बैंकिंग क्षेत्र में निजीकरण का विरोध, पेंशन नीति का रिवीजन, अनुकंपा के आधार पर नौकरी और बैंकिंग के दिनों की संख्या को 6 से कम कर 5 करने की मांग प्रमुख है. इसके साथ ही यूनियन की मांग है कि बैंकिंग सेक्टर के कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करते हुए उनका भी 50 लाख का बीमा करवाया जाए. इसके साथ ही संगठन ने इंश्योरेंस के क्षेत्र में निजीकरण और एफडीआई का भी विरोध किया है.