नई दिल्ली:अमेरिका और चीन में कच्चे तेल की मांग में जोरदार कमी आई है. जिसके चलते सोमवार को तेल की कीमतों में नरमी देखी गई. वहीं, इसका असर बाजार पर भी पड़ा है. जनवरी में ब्रेंट क्रूड वायदा 0051 जीएमटी पर 35 सेंट या 0.4 फीसदी की गिरावट के साथ 81.08 डॉलर प्रति बैरल पर था, जबकि दिसंबर के लिए यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड वायदा 35 सेंट या 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ 76.82 डॉलर पर था.
दोनों बेंचमार्क में पिछले शुक्रवार को लगभग 2 फीसदी की वृद्धि हुई क्योंकि इराक ने ओपेक+ द्वारा तेल कटौती के लिए समर्थन व्यक्त किया था, लेकिन सप्ताह के लिए लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई, मई के बाद पहली बार उनका तीसरा साप्ताहिक घाटा हुआ है. अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस साल संयुक्त राज्य अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन पहले की अपेक्षा थोड़ा कम बढ़ेगा, जबकि मांग में गिरावट आएगी.
चीन दुनिया के सबसे बड़ा कच्चा तेल इंपोर्ट है
दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल इंपोर्ट चीन के पिछले सप्ताह कमजोर आर्थिक आंकड़ों से भी मांग में गिरावट की आशंका बढ़ती नजर आ रही है. इसके अलावा, चीन के रिफाइनर्स ने दिसंबर के लिए दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक सऊदी अरब से कम आपूर्ति की मांग की है. डब्ल्यूटीआई 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचता है तो तेल की कीमतों को समर्थन मिलेगा.