सेबी ने मूलभूत सेवा वाले डिमैट खातों के शुल्क ढांचे को संशोधित किया
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को एक परिपत्र में कहा, "बाजार प्रतिभागियों से मिले सुझावों के आधार पर यह ऋण प्रतिभूतियों के लिये शुल्क ढांचे में संशोधित करने का निर्णय किया गया है."
नई दिल्ली: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि मूलभूत सेवा वाले डिमैट खातों के जरिये रखे गये ऋण प्रतिभूतियों पर सालाना रखरखाव शुल्क को एक जून से संशोधित किया जाएगा. इस कदम से बांड बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है.
मूलभूत सेवाओं वाले डिमैट खाता (बीएसडीए) खुदरा निवेशकों के लिये सीमित सेवाओं की पेशकश करता है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को एक परिपत्र में कहा, "बाजार प्रतिभागियों से मिले सुझावों के आधार पर यह ऋण प्रतिभूतियों के लिये शुल्क ढांचे में संशोधित करने का निर्णय किया गया है."
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बीएसडीए के माध्यम से रखे गये एक लाख रुपये मूल्य तक के ऋण प्रतिभूतियों के लिये कोई सालाना रखरखाव शुल्क नहीं होगा. अगर एक लाख रुपये से अधिक से लेकर 2 लाख रुपये तक मूल्य के ऋण प्रतिभूतियों के मामले में अधिकतम शुल्क 100 रुपये लिया जाएगा.
संशोधित शुल्क एक जून से प्रभावी होगा. फिलहाल 50,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक के मूल्य के प्रतिभूतियों पर समान रूप से सालाना रखरखाव शुल्क 100 रुपये लिया जाता है. वहीं 50,000 रुपये से कम मूल्य के प्रतिभूतियों पर कोई शुल्क नहीं लगता.
सेबी ने 2012 में डिपोजिटरी प्रतिभागियों को खुदरा निवेशकों के लिये मूलभूत सुविधा वाले डिमैट खाता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. यह डिमैट खातों में प्रतिभूतियों की रखरखाव लागत कम करने के प्रयास के तहत उठाया गया.