नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी से वैश्विक मांग प्रभावित हुई है, ऐसे में भारत दुनिया में ऊर्जा खपत को गति देगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वैश्विक तेल एवं गैस आपूर्तिकर्ता जवाबदेह कीमत व्यवस्था को अपनाएं और पारदर्शी तथा लचीले बाजारों की ओर आगे बढ़ें.
मोदी ने सेरा वीक के चौथे भारत ऊर्जा मंच को संबोधित करते हुए हाल में सरकार के तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन लाइसेंस नीति और प्राकृतिक गैस विपणन के क्षेत्र में किये गये सुधारों का जिक्र किया.
उन्होंने इसके साथ सरकार की रिफाइनिंग क्षमता दोगुनी करने की महत्वाकांक्षी योजना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारा ऊर्जा क्षेत्र वृद्धि केंद्रित, निवेशक अनुकूल और पर्यावरण के प्रति सचेत है. भारत तेजी से स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का विकास कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत जलवायु परिवर्तन से जुड़ी प्रतिबद्धता (सीओपी21) की दिशा में आगे बढ़ रहा है. हमने 2022 तक 1,75,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का जो लक्ष्य रखा है, उसको लेकर प्रतिबद्ध हैं."
उन्होंने कहा, "इस साल सम्मेलन का जो विषय है...बदलती दुनिया में भारत का ऊर्जा भविष्य... वह काफी प्रासंगिक है. मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि भारत ऊर्जा से भरा हुआ है, भारत का ऊर्जा भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित है. भारत की ऊर्जा दुनिया को ऊर्जावान बनाएगी."
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 2020 ऊर्जा क्षेत्र के लिये एक चुनौतीपूर्ण वर्ष है. मांग लगभग एक-तिहाई कम हुई है. साथ ही कीमत के मामले में अस्थिरता देखी गयी है और निवेश निर्णय प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा, "दुनिया के प्रमुख संगठनों ने अगले कुछ साल ऊर्जा की मांग में कमी की आशंका जतायी है. लेकिन इन्हीं एजेंसियों ने अनुमान जताया है कि भारत एक प्रमुख ऊर्जा उपभोक्ता के रूप में उभरेगा. भारत की ऊर्जा खपत दीर्घकाल में दोगुनी हो जाएगी."
भारत फिलहाल 50 लाख बैरल तेल समतुल्य ऊर्जा की खपत कर रहा है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऊर्जा आपूर्तिकर्ताओं को जवाबदेह कीमत व्यवस्था अपनानी चाहिए.
उन्होंने कहा, "दुनिया ने लंबे समय तक कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव देखा. हमें जवाबदेह कीमत व्यवस्था की ओर बढ़ने की जरूरत हैं. हमें तेल एवं गैस दोनों के लिये एक पारदर्शी और लचीले बाजार की दिशा में काम करना है."
मोदी ने कहा कि कई क्षेत्र हैं, जहां तेजी देखी जा रही है. भारत तीसरा सबसे बड़ा और तेजी से वृद्धि वाला विमानन बाजार है. यह अनुमान है कि घरेलू विमानन क्षेत्र अपने बेड़े की संख्या 2024 तक दोगुनी कर 1,200 करेगा.
उन्होंने यह भी कहा, "भारत इस बात पर भरोसा करता है कि ऊर्जा की पहुंच सस्ती और भरेसेमंद होनी चाहिए."
प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान भी तेल एवं गैस मूल्य श्रृंखला में निवेश हुए. भारत की ऊर्जा योजना का मकसद सभी तक ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करने के साथ कम कार्बन उत्सर्जन को लेकर वैश्विक प्रतिबद्धता को पूरा करना है.
उन्होंने कहा, "हमारा ऊर्जा क्षेत्र वृद्धि केंद्रित, उद्योग अनुकूल और पर्यावरण को लेकर सचेत है. यही कारण है कि भारत उन देशों में शामिल है, जो तेजी से नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का विकास कर रहा है."