मुंबई: वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'निजीकरण' को सरकार की शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए कहा कि 'जो भी बिक सकता है उसे बेचा जाएगा.' इसके अलावा सरकार चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने की भी योजना बना रही है.
अधिकारी ने कहा कि सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए कानून में कुछ संशोधन करने की जरूरत होगी. साथ ही इससे यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ये कंपनियां केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के नियंत्रण दायरे से बाहर आ सकें.
अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व में सार्वजनिक उपक्रमों में कम से कम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने का फैसला किया था. अब मंत्रिमंडल को ही इस हिस्सेदारी को इससे नीचे लाने पर फैसला करना होगा. अधिकारी ने कहा कि सरकार चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने की योजना बना रही है.