नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के शेयरों को लेकर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) पेश करने की योजना बना रहा है. मंत्रालय इसकी व्यावहार्यता का पता लगाने के लिए जल्द ही सलाहकार नियुक्त करेगा.
सीपीएसई (केंद्रीय लोक उपक्रम) ईटीएफ तथा भारत-22 ईटीएफ की सफलता के बाद सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के शेयरों को मिलाकर ईटीएफ लाने के साथ इसका दायरा बढ़ाने पर गौर कर रही है.
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अधिकारी ने कहा, "हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों को लेकर ईटीएफ लाने के बारे में सुझाव के लिए जल्द ही परामर्श नियुक्त करेंगे. सलाहकार इसमें वित्तीय संस्थानों तथा बीमा कंपनियों के भी शेयर इसमें शामिल करने की व्यवहार्यता पर गौर करेगा." सरकार ने दो मौजूदा ईटीएफ की अच्छी मांग को देखते हुए बैंक ईटीएफ पेश करने की योजना बनाई है.
सरकार ने भारत-22 ईटीएफ की दो किस्तों तथा अतिरिक्त कोष पेशकश के जरिये 32,900 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इसके अलावा, सीपीएसई ईटीएफ के जरिये पांच किस्तों में 38,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं.
अधिकारी ने कहा, "हम आने वाले समय में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बही-खातों को मजबूत करने की उम्मीद करते हैं. ईटीएफ उन निवेशकों को विभिन्न बैंकों का शेयर एक वित्तीय उत्पाद के जरिये लेने का विकल्प देगा, जो जोखिम लेने से बचते हैं."
फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र की दो बीमा कंपनियां- जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया तथा न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लि. तथा सार्वजनिक क्षेत्र के 19 बैंक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं. इसके अलावा, वित्तीय संस्थान आईएफसीआई भी शेयर बाजार में सूचीबद्ध है. भारत-22 ईटीएफ 2017-18 में शुरू किया गया. इसमें 16 केंद्रीय लोक उपक्रम हैं. इसमें तीन सरकारी बैंक तथा तीन निजी क्षेत्र की कंपनियां हैं जहां सरकार की अल्पांश हिस्सेदारी है.
वहीं, सीपीएसई-ईटीएफ में ओएनजीसी, कोल इंडिया, इंडियन ऑइल, पावर फाइनैंस जैसी 11 कंपनियों के शेयरों को रखा गया है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय लोक उपक्रमों में विनिवेश के जरिये 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में विनिवेश के जरिये 84,972 करोड़ रुपये जुटाए गए.