नई दिल्ली: सरकार अपने वायदे के अनुसार बड़ी दूरसंचार कंपनियों के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की परीक्षण जांच इसी सप्ताह शुरू करा सकती है. दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. सरकार चाहती है कि वोडाफोन आइडिया एजीआर के अपने स्वआकलन की प्रक्रिया तेज करे.
ऐसा माना जा रहा है कि दूरसंचार सविच अंशु प्रकाश ने शुक्रवार शाम को वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक रविंदर टक्कर के साथ हुई बैठक में दूरसंचार विभाग के मत से उन्हें अवगत करा दिया है. दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नमूना जांच के तौर पर किसी एक वर्ष के लिये किसी बड़ी कंपनी के एजीआर का मूल्यांकन इस सप्ताह शुरू हो सकता है.
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भारती एयरटेल ने शनिवार को कहा कि उसने एजीआर बकाये को लेकर 8,004 करोड़ रुपये का भुगतान और किया है. इसमें 3004 करोड़ रुपये स्व-आकलन के आधार पर पूरा हिसाब बेबाक करने के लिए और 5000 करोड़ रुपये सरकारी मिलान में निकली कमी को पूरा करने के लिए किया गया.
कंपनी 10 हजार करोड़ रुपये से कुछ अधिक का बकाया पहले ही चुका चुकी है.कंपनी ने शेयर बाजार से कहा है कि उपरोक्त भुगतान के आधार पर अब वह सांविधिक बकाए के बारे में उच्चतम न्यायालय के 24 अक्तूबर के आदेश का अनुपालन कर चुकी है. लेकिन दूरसंचार विभाग के आकलन के अनुसार इस कंपनी पर सांविधिक बकाया करीब 35,000 करोड़ रुपये का बनता है.
कुल मिला कर 15 कंपनियों पर सरकार का सांविधिक बकाया 1.47 लाख करोड़ रुपये था. इनमें 92,642 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क और 55,054 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल के बकाए का है. ब्याज और विलम्ब दंड सहित इस बकाए में करीब 60 प्रतिशत बकाया वोडाफोन आइडिया और एयरटेल पर है.
(पीटीआई-भाषा)