नई दिल्ली: संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) से ग्राहकों की संख्या तथा खातों में पांच एक साल में गुना वृद्धि करने का लक्ष्य लेकर चलने का आह्वान किया साथ ही उन्होंने अधिक डिजिटल लेनदेन का लक्ष्य तय करने को कहा ताकि वह स्वयं को देश के डिजिटल रूपांतरण में एक बदलाव का वाहक बन सके.
आईपीपीबी ने आधार युक्त भुगतान प्रणाली (एईपीएस) आधारित सेवाएं शुरू करने की भी घोषणा की.
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बेंक के पूर्ण परिचालन के एक साल पूरा होने के पर आयोजित कार्यक्रम में प्रसाद ने कहा, "मुझे खुशी है कि आपके ग्राहकों की संख्या एक करोड़ पहुंच गयी. अगर डेढ़ साल में 30 करोड़ जनधन खाते खोले जा सकते हैं, फिर आप क्यों नहीं पांच करोड़ से अधिक का लक्ष्य रख सकते हैं." मंत्री ने आईपीपीबी से अगले एक साल में 5 करोड़ ग्राहक बनाने का लक्ष्य रखने का आह्वान किया.
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को एक साल में ग्राहकों की संख्या पांच गुना करने का मिला लक्ष्य
प्रसाद ने कहा कि आईपीपीबी ने 6,000 करोड़ रुपये मूल्य का डिजिटल लेने-देन किया. बैंक को एक साल में कम-से-कम 5 लाख करोड़ रुपये के डिजिटल लेन-देन का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में नोटबंदी के बाद डिजिटल लेन-देन में तीव्र वृद्धि हुई है. संख्या के हिसाब से यह बढ़कर 296 करोड़ और मूल्य के हिसाब से 283 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है.
प्रसाद ने कहा कि आईपीपीबी ने 6,000 करोड़ रुपये मूल्य का डिजिटल लेने-देन किया. बैंक को एक साल में कम-से-कम 5 लाख करोड़ रुपये के डिजिटल लेन-देन का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए.
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को पासा पलटने वाला बताते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य और केंद्र सरकार की 440 योजनाओं को इसके दायरे में लाया गया है.
प्रसाद ने कहा, "हमने अबतक 440 योजनाओं में 7.82 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया गया और 1,40,000 करोड़ रुपये की बचत हुई."
उन्होंने कहा कि आईपीपीबी को यह सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए कि सभी 440 योजनाएं पोस्टल पेमेंट बैंक नेटवर्क के जरिये हो.
मंत्री ने कहा, "मैं चाहता हूं कि पोस्टल पेमेंट्स बैंक गरीब और वंचित तबकों के करीब आयें और यह तब जब डीबीटी के तहत पूरी राशि आपके नेटवर्क के जरिये वितरित हो."
आईपीपीबी ने पिछले साल सितंबर में पूर्ण रूप से परिचालन शुरू किया था.
उन्होंने डाक विभाग से अपनी वितरण प्रणाली में सुधार लाने और इस संदर्भ में नियमित तौर पर आडिट तथा समीक्षा करने को कहा. अगर कोई गड़बड़ी पायी जाती है, उससे कड़ाई से निपटा जाना चाहिए.