नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के साथ ही कुछ अन्य सेक्टरों को कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन से छूट देने की घोषणा की. गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ आईटी और इससे जुड़ी सेवाएं 20 अप्रैल से काम शुरू कर सकती हैं.
इसके अलावा आईटी हार्डवेयर निर्माण उद्योगों से भी रोक हटा दी गई है.
आईटी क्षेत्र की कंपनियों ने इस कदम का स्वागत किया है और उनका यह भी मानना है कि मौजूदा परिदृश्य में उनकी कारोबारी रणनीति को भी बदलना होगा.
क्लोवर इंफोटेक में सेंटर ऑफ एक्सेंलेंस के प्रमुख और वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीलेश कृपालानी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन चूंकि दुनिया के सभी देशों में है, लिहाजा व्यापार के महत्वपूर्ण वर्कलोड को क्लाउड पर ले जाने की मांग बढ़ गई है. सभी संस्थानों में क्लाउड पर मौजूद वर्कलोड को आसानी से प्रबंधित कर सकते हैं.
सांख्य ला के सह-संस्थापक और सीईओ पराग नाईक ने कहा कि दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग में निवेश को बढ़ावा देना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, हमें केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश को ही नहीं देखना चाहिए. सरकार को ऐसी नीतियां बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो स्थानीय एसएमई और एमएसएमई को निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें.