नई दिल्ली: कोरोनावायरस के कारण लागू राष्ट्रव्यापी बंद के बाद करीब दो महीने से निलंबित उड़ान सेवा सोमवार से एक बार फिर शुरू हो गई. मगर पहले ही दिन 80 से अधिक उड़ानें रद्द हो गई, जिसके बाद दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर यात्री काफी परेशान दिखे.
कई राज्यों ने हवाई परिचालन को सीमित कर दिया, जिससे इस तरह की स्थिति बन गई. दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे से दोपहर एक बजे तक लगभग 82 उड़ानें रद्द कर दी गईं.
उद्योग के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, इस हवाई अड्डे से 118 आगमन (आने वाले) और 125 प्रस्थान (जाने वाली) उड़ानें संचालित की जानी हैं.
इसी तरह मुंबई के सीएसएमआईए में 24 आगमन और 23 प्रस्थान की उड़ानें संचालित होनी हैं. हवाई अड्डे से मूल रूप से 100 से अधिक उड़ानें शुरू करने के लिए कार्यक्रम निर्धारित था, मगर राज्य सरकार ने रविवार को इस संख्या को 25 तक सीमित कर दिया.
आईएएनएस ने शनिवार और रविवार को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि नई उड़ान स्वीकृति और एकांतवास के लिए तय किए गए मानदंडों के मद्देनजर इंट्रा-मेट्रो मार्गों पर रद्द किए जाने का फैसला लिया जा सकता है.
इजीमाई ट्रिप डॉट कॉम के सीईओ और सह-संस्थापक निशांत पिट्टी ने आईएएनएस को बताया कि यात्रियों के साथ दिक्कत तब शुरू हुई, जब राज्यों ने हवाई अड्डों और यात्रा के बाद एकांतवास में रखने को लेकर अलग से दिशानिर्देश जारी कर दिए. उन्होंने बताया कि कुछ एयरलाइनों ने उड़ान रद्द होने के बारे में यात्रियों को अंतिम क्षण में सूचित किया. यही वजह रही कि सोमवार की सुबह आईजीआई हवाई अड्डे पर पहुंचे काफी यात्रियों को निराशा हाथ लगी, क्योंकि वह यात्रा रद्द होने को लेकर भ्रम की स्थिति में थे.
हवाई अड्डे पर अंदरूनी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, "यात्रियों के बीच भ्रम है कि क्या उनकी सुबह की उड़ान अभी भी संचालित हो रही है या नहीं. वे सभी कम से कम दो घंटे पहले टर्मिनल पर पहुंच गए थे. हालांकि एयरलाइन के अधिकारियों और टर्मिनल के स्टाफ ने स्थिति को संभाल लिया. दोपहर तक अधिकांश उड़ानें संचालित हुईं हैं."
कोविड-19 के प्रकोप के कारण घरेलू उड़ानें दो महीनों से बंद पड़ी हुई थी और सोमवार को सेवाएं बहाल हुई, मगर इसके बावजूद सैकड़ों यात्री अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए, जिससे वे निराश नजर आए.
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