नई दिल्ली: सरकार ने आम चुनावों के मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक को मार्च, अप्रैल और मई महीने में चुनावी बॉन्ड की बिक्री करने की मंजूरी दे दी है. सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना इसलिए शुरू की है ताकि राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे में पारदर्शिता लाई जा सके.
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को मार्च, अप्रैल और मई महीने में अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए चुनावी बॉन्ड जारी करने की अनुमति दी गई है. एसबीआई को चुनावी बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है."
चुनावों से पहले 29 एसबीआई शाखाओं को 3 चरणों में चुनावी बांड बेचने के लिए मिली अनुमति
भारतीय स्टेट बैंक को मार्च, अप्रैल और मई महीने में अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए चुनावी बॉन्ड जारी करने की अनुमति दी गई है. एसबीआई को चुनावी बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है.
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यह बॉन्ड बिक्री तीन चरणों में होगी. पहले चरण की बिक्री 1 से 15 मार्च , दूसरे दौर की बिक्री 1 से 20 अप्रैल और तीसरे दौर की बिक्री 6 से 15 मई को होगी. आगामी आम चुनाव अप्रैल-मई में होने हैं. चुनावी बॉन्ड जारी होने की तारीख से अगले पंद्रह दिनों के लिए मान्य होंगे और यदि वैधता खत्म होने के बाद बॉन्ड जमा किया जाता है तो राजनीतिक दल को इसका कोई भुगतान नहीं किया जाएगा.
बयान में कहा गया है कि किसी भी पात्र राजनीतिक दल द्वारा अपने खाते में जमा किए गए चुनावी बांड को उसी दिन उसके खाते में डाल दिया जाएगा. एसबीआई की विभिन्न शहरों की जिन 29 शाखाओं को चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिये अधिकृत किया गया है उनमें नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गांधीनगर, चंडीगढ़, रांची और बेंगलुरू शामिल हैं.
योजना के प्रावधानों के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक हो या भारत में निगमित या गठित कंपनी हो, चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है. ऐसे राजनीतिक दल जिसने पिछले आम चुनावों या राज्य विधानसभा चुनावों में डाले गए कुल मतों के एक प्रतिशत से कम मत प्राप्त नहीं किए हों, चुनावी बॉन्ड प्राप्त करने के पात्र होंगे.
(भाषा)