नई दिल्ली/गाजियाबाद: देश की सबसे लंबी और सिंगल पिलर पर बनी राजनगर एलिवेटेड रोड पर भारी वाहन दौड़ते नजर आ सकते है. जाम जैसी समस्या को देखते हुए जीडीए अधिकारियों ने शहर को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए यह प्रस्ताव शासन के पास भेजा है. अगर शासन इस प्रस्ताव को पास करता है तो अगले 6 महीने के अंदर एलिवेटेड रोड पर भारी वाहन दौड़ते नजर आएंगे. फिलहाल वर्तमान में एलिवेटेड रोड पर हल्के वाहनों के परिचालन की ही अनुमति है.
ईटीवी भारत ने की खास बातचीत
इस संबंध में ईटीवी भारत ने एलिवेटेड रोड निर्माण योजना से जुड़े और समाजसेवी चंद्रा जी से बात की और जाना कि एलिवेटेड रोड पर भारी वाहनों के परिचालन से क्या दिक्कतें सामने आएगी.
खतरे से खाली नहीं एलिवेटेड रोड
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान चंद्रा जी ने बताया कि एलिवेटेड रोड का डिजाइन इस प्रकार से किया गया है इस पर हल्के वाहन ही चल सकते हैं. अगर भारी वाहन चलाए जाते हैं तो एलिवेटेड रोड पर दुर्घटना की आशंका रहेगी.
अगर बात अभी वर्तमान की करें तो आए दिन एलिवेटेड रोड पर ओवरस्पीडिंग के कारण दुर्घटनाएं होती रहती है. अगर एलिवेटेड रोड पर भारी वाहन चलेंगे तो दुर्घटनाओं के चान्सेस ज्यादा होंगे.
इतना ही नहीं पूरे एलिवेटेड रोड पर कहीं भी सीसीटीवी या कैमरा पुलिस चौकी नहीं है. पूरे एलिवेटेड रोड पर स्पीड की निगरानी के लिए कोई संसाधन मौजूद नही है इसलिए एलिवेटेड रोड पर भारी वाहन चलाना कहीं से मुनासिब नहीं.
आदेश से पहले करने होंगे सुरक्षा के इंतजाम
अगर जीडीए एलिवेटेड रोड पर भारी वाहनों का परिचालन करना चाहता है तो उसके पहले जीडीए को एलिवेटेड रोड पर सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और साथ ही स्पीड गण द्वारा वाहनों की गति पर लगाम लगानी होगी. तभी जीडीए की यह योजना सफल हो सकती है.