दिल्ली

delhi

ETV Bharat / briefs

'अजहर पर चीन को अपना संदेश साफ करना ही होगा'

भारत के पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद और उसके प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के रास्ते में चीन क्यों रोड़ा बन रहा है.

शी जिनपिंग और मसूद अजहर. (डिजाइन फोटो)

By

Published : Mar 23, 2019, 7:13 PM IST

न्यूयॉर्क: भारत के पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि चीन को यह सोचना होगा कि वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के रास्ते में तकनीकी बाधा पैदा कर दुनिया को क्या संदेश दे रहा है.

चीन ने गत सप्ताह लगातार चौथी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को रोक दिया. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 44 जवानों के शहीद होने के बाद यह प्रस्ताव लाया गया.

टाटा समूह में वैश्विक कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष एवं चीन तथा अमेरिका में भारत के राजदूत रह चुके जयशंकर ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है, जिस पर चीनी लोगों को सोचना चाहिए कि वे क्या संदेश दे रहे हैं.

उन्होंने अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को चीन द्वारा फिर से रोकने के एक सवाल के जवाब में यहां इस सप्ताह एशिया सोसायटी के एक सत्र में यह टिप्पणी की.

यह पूछने पर कि चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल को भारत किस तरह देखता है, इस पर जयशंकर ने कहा कि इस परियोजना पर भारत का रुख पूरी तरह स्पष्ट कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि चीन की पहल को लेकर भारत की कुछ खास चिंताएं हैं.

चीन: केमिकल प्लांट हादसे की छानबीन के लिए जांच टीम का गठन-अब तक 64 की मौत

जयशंकर ने कहा, 'हमारे लिए पहला मुद्दा यह है कि संपर्क की कोई भी पहल संप्रभुत्ता के लिहाज से सम्मानजनक होनी चाहिए. इसकी एक वजह यह है कि तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा जम्मू कश्मीर से होकर गुजरता है. यही वह भूमि है, जिस पर पाकिस्तान ने गैर-कानूनी रूप से कब्जा कर रखा है और इसका एक हिस्सा गैर-कानूनी रूप से चीन को सौंप दिया गया.'

जयशंकर ने कहा कि इस पर सवाल ही नहीं उठता कि एशिया को आज अधिक संपर्क की जरूरत है और इसकी मांग के कारण यह महत्वपूर्ण है कि सही तरीके से इस मांग को पूरा किया जाए.

अमेरिका, भारत और कई अन्य देशों ने बेल्ट एंड रोड पहल पर इस बात को लेकर चिंता जताई है कि चीन ने ढांचागत परियोजनाओं के लिए कई छोटे देशों को पैसा लौटाने की उनकी क्षमता पर विचार किए बिना बड़ा कर्ज दिया है.

(इनपुट: पीटीआई भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details