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MP: 'बेजुबानों के अपने', युवाओं की इंसानियत ने दिया बेसहारा जानवरों को आशियाना

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Published : Apr 29, 2023, 8:50 PM IST

Updated : Apr 30, 2023, 10:08 AM IST

आज विश्व पशुचिकित्सा दिवस है इस मौके पर हम आपको ऐसे पशु प्रेमी युवाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो ना सिर्फ़ जानवरों से प्यार करते हैं बल्कि उनका समर्पण उन बेसहारा बेजुबानों के लिए है जो किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं या गंभीर बीमार होते हैं और उनकी देखभाल के लिए कोई नही होता. अपने नाम की तरह ही अपने मकसद को साकार कर रही इंसानियत युवा मंडल समिति इन जानवरों की देखभाल से लेकर इलाज तक का बीड़ा उठा रही है.

World Veterinary Day
विश्व पशु चिकित्सा दिवस

युवाओं की इंसानियत ने दिया बेसहारा जानवरों को आशियाना

भिंड।हमारे देश में कई लोगों को जानवर पालने का शौख होता है लेकिन वही जानवर बीमार हो या किसी हादसे में घायल हो जाएं तो अक्सर लोग उन्हें बेसहारा छोड़ देते हैं. राह चलते किसी की टक्कर से कोई कुत्ता या बिल्ली चोटिल हो जाये तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता है लेकिन ऐसे जानवरों के लिए भिंड के कुछ युवा फरिश्ते बन रहे हैं जिन्होंने इन बेजुबानों के लिए एक टेक केयर होम बनाया है. खास बात यह है कि उनके काम को देखते हुए भिंड कलेक्टर भी इतने प्रभावित हुए कि पशु चिकित्सा विभाग की जमीन इस टेक केयर होम के लिए उपलब्ध कराई. आज ये फैसिलिटी जानवरों के लिए किसी घर से कम नही है.

पपी को खाना खिलाते समिति के सदस्य

सरनेम बदलकर ‘इंसानियत’ रख लिया:इंसानियत युवा मंडल समिति एक ऐसा समूह है जिसके सदस्य कोई धनाढ्य नहीं बल्कि आम परिवारों से हैं. कोई टीचर है तो कोई स्टूडेंट, कोई दुकानदार है तो कोई टमटम चलता है लेकिन जानवरों के प्रति अपने प्रेम भाव के लिए प्रतिदिन दो घंटे का समय शिफ्ट में निकल कर सेवा करने जरूर आता है. उनका डेडिकेशन इस बात से भी समझा जा सकता है कि इस सेवा भाव पर कभी कोई सवाल ना खड़ा हो या उनके काम में कोई व्यक्तिगत स्वार्थ ना आए इस समूह के सदस्य अपने नाम के आगे सरनेम की जगह इंसानियत लिखते हैं.

दो बंदरो के साथ समिति के सदस्य

घायल बीमार जानवरों का करते हैं इलाज और देखभाल:इस समूह के सदस्य अनिकेत इंसानियत ने बताया कि हमारे पास अक्सर कॉल आते हैं कि कोई बंदर कुत्ता या अन्य जानवर है जिस पर किसी ने गाड़ी चढ़ा दी या एक्सीडेंटल है तो हमारी टीम के सदस्य उस जगह जाकर उन्हें आश्रम पर लाते हैं फिर यहां उनका इलाज किया जाता है. हमारे यहां कुत्ते, बिल्ली, बंदर हर तरह के जानवर हैं जो इंजर्ड हैं किसी की कमर की हड्डी टूटी है तो किसी का पैर फ्रैक्चर है या किसी को दिखाई नहीं देता. हम यहां उनका ट्रीटमेंट करते हैं जब वो ठीक हो जाते हैं उसके बाद अगर कोई उन्हें लेना चाहता है तो उन्हें डोनेट भी कराते हैं और अगर कोई नहीं लेता तो उनकी देखभाल हम लोग ही करते हैं.

खाने का भी है इंतजाम

इंटरनेट के जरिए सीखा उपचार का तरीका:अनिकेत ने बताया कि इन जानवरों के इलाज के लिए भी इस आश्रम में सभी सुविधाएं हैं. कुछ सदस्य ऐसे हैं जिन्होंने जानवरों के इलाज के लिए इंटरनेट और यूट्यूब के सहारे उपचार सीख लिया है क्योंकि कई बार इलाज के समय डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पाते थे. ऐसे में आपात परिस्थियों को देखते हुए सदस्य कुलदीप और शिल्पा ने इलाज करना सीख लिया है. इस समूह की सदस्य शिल्पा इंसानियत ने बताया कि वे करीब 6 वर्षों से इस समूह का हिस्सा हैं. वे यहां इन बेज़ुबानों की सेवा का भाव देख कर इतना प्रभावित थी कि धीरे धीरे खुद भी जुड़ गई और अब प्रतिदिन यह समय निकाल कर सेवा करने आती हैं. उन्हें यहां आना अच्छा लगता है.

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घर के कमरे से शुरुआत, कलेक्टर ने दी जमीन:इस समूह के सदस्य अक्षय इंसानियत ने बताया कि उनके ग्रुप की नींव उनके गुरु अनंत इंसानियत ने रखी थी उन्हें इन जानवरों की सेवा करते हुए 10 से 12 वर्ष का समय हो चुका है. शुरू में हम कुछ ही सदस्य थे ऐसे जानवरों को अपने घर के एक कमरे में रखा करते थे लेकिन वहां गंदगी हो जाती थी आसपास के लोगों को परेशानी होती थी तो इसके लिए हमने अलग से एक जगह किराए पर ली थी. समय गुजरता गया लोग जुड़ते गए. धीरे-धीरे ये सेवा भाव लोगों को जागरूक करता गया. दो साल पहले इंसानियत युवा मंडल समिति के इस कार्य से भिंड कलेक्टर भी प्रभावित हुए उन्होंने इस कार्य को जारी रखने के लिए इस समूह को पशु चिकित्सा विभाग की जमीन उपलब्ध करायी और नगर पालिका की मदद से एक शेड बनवाया जहां इस आश्रम की शुरुआत हुई.

जानवरों का इलाज भी

खुद कंट्रीब्यूशन से उठाते हैं सारा खर्च:आज इस पशु आश्रम में किसी चीज की कमी नहीं है. घायल जानवरों के इलाज के लिए उपयोग होने वाली टेबल से लेकर सभी तरह की दवाएं और इक्विपमेंट हों. जानवरों को रखने के लिए पिंजरे या घायल पशुओं के लिए बेड, गर्मी से बचाव के लिए पंखे लगे हैं, करीब 5 कूलर भी जानवरों के लिए लगवायें हैं, बिजली की समस्या ना हो इसके लिए इन्वर्टर की भी व्यवस्था है. घायल जानवरों को लाने के लिए एक एम्बुलेंस और एक इलेक्ट्रिक स्कूटी भी इन सदस्यों ने खरीदी है. जिससे जानवरों को समय पर इलाज के लिए लाया जा सके. अक्षय ने बताया कि आज इलाज के साथ साथ सभी सदस्य इन जानवरों को तीन से चार टाइम का भोजन देते हैं, बीमार और घायल जानवरों के लिए उपयोगी दवाएं और सर्जरी का सामान भी ये सारी सुविधाएं इंसानियत युवा मण्डल के सदस्य खुद से जुटाते हैं इसके लिए सभी सदस्य हर महीने आपस में मिलकर कंट्रीब्यूशन करते हैं. और जितना भी पैसा इकट्ठा होता है वह इस आश्रम में मौजूद जानवरों पर खर्च किया जाता है.

इंसानियत युवा मंडल समिति

मेनका गांधी भी कर चुकी हैं तारिफ:जानवरों के प्रति सेवा भाव और समर्पण का अनोखा उदाहरण पेश कर रहे इंसानियत ग्रुप के सदस्य समूह के नाम को साकार साकार में जुटे हुए हैं. निस्वार्थ भाव की यह सेवा आज तक हजारों जानवरों को नया जीवन दे चुकी है यही वजह कि एनिमल राइट एक्टिविस्ट और सांसद मेनका गांधी भी दिल्ली में इस समूह के सदस्यों से मिली थी और जब उन्हें पता चला कि भिंड कलेक्टर ने इस कार्य के लिए जगह दी है तो उन्होंने कलेक्टर को फोन कर उनके फैसले की भी तारीफ की थी.

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Last Updated : Apr 30, 2023, 10:08 AM IST

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