हैदराबाद :इंटरनेट व मोबाइल क्रांति के युग में आज भी किक्रेट हो या चुनावी कवरेज, हममें से ज्यादातर लोग मोबाइल के बजाय टीवी पर इसे देखना पसंद करते हैं. वैश्विक स्तर पर टेलीविजन के महत्व को रेखांकित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 17 दिसंबर 1996 को प्रस्ताव पास कर विश्व टेलीविजन दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था. इसके बाद से हर साल हर साल 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है.
टेलीविजन दिवस को सिर्फ उपकरण का उत्सत्व नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि यह उस दर्शन का उत्सव है जिसका यह प्रतिनिधित्व करता है. टेलीविजन संचार और वैश्वीकरण के प्रतीक का प्रतिनिधित्व करता है. बता दें कि शांति का समय हो सुरक्षा के लिए संघर्षों का समय, खतरों पर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने का या सामाजिक मुद्दों पर वैश्विक स्तर पर ध्यान खींचने का काम टेलीविजन काफी कारगर रहा है. टेलीविजन जनमत तैयार करने में शुरूआत से वैश्विक स्तर पर संचार का ताकवर माध्यम रहा है. उदारीकरण के बाद इसका प्रसार तेजी हुआ. वहीं इंटरनेट व मोबाइल क्रांति के बाद टेलीविजन का स्वरूप काफी बदल गया है. आज घरों से निकलकर यह हर इंसान के हाथों में पहुंच चुका है.
पहला विश्व टेलीविजन फोरम
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 21 और 22 नवंबर 1996 को टेलीविजन के वैश्विक महत्व पर चर्चा के लिए पहला विश्व टेलीविजन फोरम का आयोजन किया गया था. आयोजन में 50 देशों के 130 से प्रमुख मीडिया हस्तियों ने हिस्सा लिया था. इस दौरान आज की बदलती दुनिया में टेलीविजन के बढ़ते महत्व के साथ-साथ भविष्य में इसके स्वरूप पर वक्ताओं ने संबोधित किया. इस दौरान टेलीविजन को बेहतर बनाने के लिए तकनीकि व अन्य स्तर पर एक दूसरो को सहयोग करने पर सहमति बनी. 21 नवंबर पहला विश्व टेलीविजन फोरम का आयोजन किया गया. इसलिए महासभा ने इसी डेट को विश्व टेलीविजन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था.