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उत्तराखंड की इस सीट से उपचुनाव लड़ सकते हैं सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) चंपावत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, यह लगभग तय हो गया है. वहीं, गुरुवार को चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस बात के संकेत दिए हैं.

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Published : Apr 20, 2022, 7:54 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) चंपावत विधानसभा सीट (Champawat Assembly) से ही उपचुनाव लड़ेंगे. कई दिनों से चली आ रही कयासबाजी के बीच गुरुवार को चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस बात के संकेत दिए हैं.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, यह लगभग तय हो गया है. दरअसल, चंपावत विधानसभा सीट से भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सबसे पहले अपनी विधानसभा सीट छोड़ने की पेशकश की थी. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि अब कैलाश गहतोड़ी गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को अपना इस्तीफा सौंपेंगे.

इससे पहले आज शाम को भाजपा प्रदेश संगठन की बैठक होने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपचुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चंपावत विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ने की अधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपचुनाव लड़ने को लेकर भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि हाल ही में संगठन स्तर की बैठक हुई. जिसमें उपचुनाव को लेकर चर्चा की गई थी. बैठक में कई विधायकों ने अपनी विधानसभा सीटों से मुख्यमंत्री को चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था. इन्हीं में चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी भी हैं. मदन कौशिक का कहना है कि कैलाश गहतोड़ी कल विधानसभा में अपना इस्तीफा देंगे.
पढ़ें:चंपावत से उपचुनाव लड़ेंगे CM धामी! गहतोड़ी ने जोशीले अंदाज में कार्यकर्ताओं से भरवाई हामी

धामी ने क्यों पसंद की चंपावत सीट? चंपावत सीट को जातिगत समीकरणों के आधार पर धामी के लिए मुफीद माना गया. यहां करीब 54 फीसदी ठाकुर मतदाता हैं, तो 24 फीसदी ब्राह्मण, 18 फीसदी दलित और चार फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. दूसरे चंपावत धामी की परंपरागत खटीमा सीट से लगी हुई है. इसलिए वह यहां के राजनीतिक, जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों से परिचित भी हैं. ऐसे तमाम कारणों से ये सीट धामी की सबसे पसंदीदा और सुरक्षित सीटों में मानी जा रही है.

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