भुवनेश्वर : ओडिशा हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय जनजातीय मामलों और जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू (Union Minister of State Bishweswar Tudu) को उनके खिलाफ मयूरभंज के एक थाने में दर्ज मामले में अंतरिम राहत (Orissa HC granted interim relief to Minister Bishweswar Tudu) दी. मंत्री बिश्वेश्वर टुडू के खिलाफ मयूरभंज के बारिपदा थाने में उनके द्वारा दो सरकारी अधिकारियों पर हमले का मामला दर्ज है.
हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि केंद्रीय राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू को आठ मार्च तक गिरफ्तार नहीं (odisha hc grants protection from arrest to Bishweswar Tudu) कर सकते हैं. वहीं, अदालत ने केंद्रीय राज्य मंत्री को अगली सुनवाई में अदालत के समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च को होगी. गौरतलब है कि ओडिशा हाईकोर्ट ने मंत्री टुडू को सशर्त अंतरिम राहत दी है. अदालत ने मंत्री को जांच में सहयोग करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने की चेतावनी दी है. वहीं, टुडू को चार मार्च को पूछताछ के लिए जांच अधिकारी (बारिपदा थाने के प्रभारी निरीक्षक) के समक्ष पेश होना होगा.
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बता दें कि मंत्री बिश्वेश्वर टुडू पर ओडिशा सरकार के दो अधिकारियों- मयूरभंज जिला उप निदेशक (योजना) अश्विनी मल्लिक और सहायक निदेशक देबाशीष महापात्र पर 21 जनवरी को उनके पार्टी कार्यालय में हमला करने का आरोप (Tudu was accused of assaulting two odisha govt officials) लगा है. इस आरोप के आधार पर मंत्री के खिलाफ बारीपदा टाउन थाने में मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने दो फरवरी को ओडिशा हाईर्कोट का रुख किया था और मामले में गिरफ्तारी की आशंका से अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी.
हालांकि, इस आरोप का भाजपा सांसद बिश्वेश्वर टुडू ने स्पष्ट रूप से खंडन किया है. केंद्रीय जल शक्ति और जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू मयूरभंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद हैं. उन्हें साल 2021 के जुलाई में मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. जिला योजना एवं निगरानी इकाई के उप निदेशक अश्विनी कुमार मलिक और सहायक निदेशक देबाशीष महापात्र के अनुसार, मंत्री ने समीक्षा बैठक के लिए दोनों को अपने गृहनगर बारीपदा में भाजपा पार्टी कार्यालय में बुलाया था.
समीक्षा बैठक के दौरान कुछ फाइलें साथ नहीं लाने पर मंत्री टुडू उन पर भड़क गए. फिर कार्यालय का दरवाजा अंदर से बंद करने के बाद मंत्री ने दोनों अधिकारियों की कथित तौर पर पिटाई की और कुर्सी से हमला भी किया. कथित हमले के बाद देबाशीष महापात्रा का हाथ टूट गया, जबकि अश्विनी मलिक गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों अधिकारियों को बारीपदा के पीआरएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया.