नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट बैठक में निर्णय किया गया है कि रेलवे के नॉन गजेटेड कर्मचारियों को इस वर्ष भी 78 दिन का बोनस दिया जाएगा. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा,'आज कैबिनेट बैठक में दो विभागों को लेकर निर्णय हुए. वर्षों से प्रोडक्टिविटी लिंक बोनस रेलवे के नॉन गजेटेड कर्मचारियों को मिलता है. कैबिनेट बैठक में निर्णय किया गया है कि इस वर्ष भी 78 दिन का बोनस रेलवे के नॉन गजेटेड कर्मचारियों को दिया जाएगा.'
उन्होंने बताया,रेल कर्मचारियों को 2020-21 के लिए 78 दिन के उत्पादकता आधारित बोनस के भुगतान का वित्तीय भार 1984.73 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इस फैसले से रेलवे के 11.56 लाख गैर-राजपत्रित कर्मियों को लाभ होगा.
सरकारी बयान में कहा गया है कि इनमें आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मी शामिल नहीं होंगे. इसमें कहा गया है कि पात्र गैर- राजपत्रित रेल कर्मचारियों को पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपये प्रतिमाह है. प्रति पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिन की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये है.
बयान के अनुसार, पात्र रेल कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दशहरा/पूजा की छुट्टियों से पहले किया जाता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस निर्णय को इस साल की छुट्टियों से पहले ही लागू किया जाएगा.
बयान में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2010-11 से 2019-20 के लिए 78 दिन के वेतन की उत्पादकता आधारित बोनस की राशि का भुगतान किया गया. वर्ष 2020-21 के लिए भी 78 दिन के वेतन के बराबर पीएलबी राशि का भुगतान किया जाएगा, जिससे कर्मचारी रेलवे के कार्य निष्पादन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित होंगे.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मित्र योजना लॉन्च होगी जो टेक्सटाइल और गारमेंट के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान देगी. इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें पांच वर्षों में 4445 करोड़ रुपये का व्यय होगा. इसके तहत सात मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजनल एंड अपैरल(MITRA) पार्क तैयार होंगे.
वहीं मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि ROSCTL के लिए योजना 2019 में लॉन्च हुई थी, जिसे 2024 तक बढ़ा दिया गया है. इससे टेक्सटाइल क्षेत्र में निर्यात को लेकर काफी उत्साह है.
गोयल ने आगे कहा कि पीएम मित्र योजना से लगभग सात लाख लोगों की सीधे तौर पर रोजगार मिले और 14 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिले, ऐसी हमारी कल्पना है. 10 राज्यों ने अभी तक इस योजना के लिए दिलचस्पी दिखाई है.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच वर्षों में 4,445 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शाम सात बजे मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क स्थापित करने को मंजूरी दी है. यह कदम पीएम मोदी के 5F विजन- फार्म से फाइबर तक, फैक्ट्री से फैशन, और फॉरेन तक से प्रेरित है.
पीएम मित्र योजना के रूप में जानी जाने वाली इस योजना का उद्देश्य कपड़ा क्षेत्र में एक एकीकृत मूल्य श्रृंखला बनाना है, जिसमें एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण और रंगाई, छपाई और परिधान निर्माण जैसी कई प्रक्रियाएं शामिल हैं.
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