नई दिल्ली:कांग्रेस ने सोमवार को आप की आलोचना करते हुए कहा कि नई पार्टी को 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए विपक्षी एकता से संबंधित अपने शब्दों और कार्यों पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. उन्हें आत्मनिरीक्षण करना होगा जो वह कर रहे हैं. सार्वजनिक जीवन में विश्वसनीयता बहुत जरूरी है. उनकी जमीनी स्तर की गतिविधि और उनका उपदेश पीएम मोदी की तरह बिल्कुल अलग हैं. यही तो उन्हें निरीक्षण करना है. अंततः किसी भी पार्टी या व्यक्ति का मूल्यांकन उसके उपदेशों से नहीं बल्कि उसके कार्यों से किया जाता है. दिल्ली के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा, 'नागरिकों से लेकर पुराने राजनीतिक दलों तक वे आपके कार्यों से आपका मूल्यांकन करेंगे.'
कांग्रेस के दिग्गज नेता की टिप्पणी आप के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस दावे के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि सबसे पुरानी पार्टी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह 20 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से 15 दिन पहले विवादास्पद अध्यादेश पर अपना रुख साफ कर देगी.
केजरीवाल ने पिछले सप्ताह कहा था, 'इसलिए, हम कांग्रेस के रुख का इंतजार कर रहे हैं.' विवादास्पद अध्यादेश अधिकारियों को नियुक्त करने की दिल्ली के मुख्यमंत्री की शक्ति को छीन लेता है. केजरीवाल संसद के मानसून सत्र के दौरान विभिन्न विपक्षी दलों से उक्त अध्यादेश को रद्द करवाने का आग्रह करते हुए समर्थन जुटा रहे हैं.
23 जून को पटना में विपक्ष की पहली बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा था कि जब तक कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश का सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं करती तब तक आप बेंगलुरु सम्मेलन में शामिल नहीं होगी. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पटना बैठक के दौरान, पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने केजरीवाल से स्पष्ट रूप से कहा था कि सबसे पुरानी पार्टी अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ अध्यादेश पर चर्चा करेगी और मानसून सत्र शुरू होने पर अपने रुख को अंतिम रूप देगी.