मुंबई : एक विशेष अदालत ने निलंबित मुंबई पुलिस के सिपाही विनायक शिंदे और नरेश धारे की एनआईए हिरासत 7 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है. उन्हें मनसुख हिरेन की मौत मामले में गिरफ्तार किया गया था. उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर 25 फरवरी को मिली विस्फोटक सामग्री युक्त एसयूवी मनसुख हिरेन से संबंधित थी.
ठाणे निवासी हिरेन का शव पांच मार्च को ठाणे के मुंब्रा क्रीक में मिला था. महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते ने इस मामले में इस महीने के शुरू में निलंबित कांस्टेबल विनायक शिंदे तथा क्रिकेट सटोरिये नरेश को गिरफ्तार किया था.
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इन दोनों को पिछले सप्ताह अपनी हिरासत में ले लिया था. इन लोगों को मंगलवार को विशेष एनआईए न्यायाधीश पी आर सित्रे की अदालत में पेश किया गया, जिसने मामले में आगे की जांच के लिए दोनों की एनआईए हिरासत सात अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी.
जांच एजेंसी ने कहा कि हिरेन की हत्या के पीछे के मकसद को जानने के लिए इन लोगों की हिरासत की जरूरत है. शुरुआत में, महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने इस मामले की जांच की थी, लेकिन बाद में एनआईए ने इसे अपने हाथों में ले लिया.
एनआईए अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक सामग्री युक्त एसयूवी मिलने के मामले की भी जांच कर रही है, जिसमें मुंबई पुलिस के सहायक निरीक्षक सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व में अदालत से कहा था कि दोनों मामले आपस में जुड़े हैं. वाजे तीन अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में है.