हैदराबाद:हिंदू धर्म में सूर्य को पद और प्रतिष्ठा का कारक माना गया है. ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह भी कहते हैं. बता दें, 16 जुलाई को सूर्य देव मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जहां पर वे 17 अगस्त 2021 तक विराजमान रहेंगे. इस राशि परिवर्तन को सूर्य की कर्क संक्रांति कहते हैं. ज्योतिष में सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं.
12 राशियों के आधार पर वर्ष भर में 12 संक्रांति होती है. सूर्य का ये गोचर शाम 4 बजकर 41 मिनट पर कर्क राशि में होगा और सूर्य 17 अगस्त रात 1 बजकर 5 मिनट तक इसी राशि में रहेंगे. इसके बाद सूर्य अपनी स्वयं की राशि सिंह में चले जाएंगे. सूर्य का ये राशि परिवर्तन मनुष्य के जीवन पर कई तरह से प्रभाव डालेगा. जानिए, कर्क संक्रांति पर क्या होगा 12 राशियों पर असर.
मेष राशि- सूर्य का यह राशि परिवर्तन मेष के लिए लाभकारी होगा. सूर्य के कर्क राशि में गोचर से आपके लिए समय अच्छा आएगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार मेष राशि के जातकों को अपनी माता के स्वास्थ्य की चिंता हो सकती है. घर और जमीन के कोई सौदे भी कर सकते हैं. करियर में अहंकार रखना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.
उपाय-गायत्री मंत्र की एक माला का जाप करें.
वृषभ राशि- कर्क संक्रांति से एक महीने वृषभ राशि के जातकों को प्रेम जीवन में किसी तरह का अहंकार नहीं रखना है. इस दौरान परिवारजनों के साथ आपके संबंध मधुर बने रहेंगे. भाई-बहनों के साथ कहीं जाने का कार्यक्रम बन सकता है. आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा. आपके पराक्रम में वृद्धि होगी.
उपाय- रोजाना भगवान सूर्य को शुद्ध जल का अर्घ्य दें.
मिथुन राशि- सूर्य के कर्क राशि में गोचर के दौरान मिथुन राशि के जातकों को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा. कुटुंबीजनों के साथ आपके संबंधों में अहंकार से नुकसान हो सकता है. इस दौरान आपका स्वास्थ्य में सुधार होगा. सरकारी क्षेत्र में काम करने वालों को फायदा मिल सकता है.
उपाय- भगवान सूर्य के मंत्र का 108 बार जाप करें.
कर्कराशि-सूर्य का कर्क राशि में गोचर यानी कर्क संक्रांति से एक महीने तक आप अहंकारी और गुस्सैल स्वभाव के हो सकते हो. जीवनसाथी के साथ भी आपका मतभेद हो सकता है. इस दौरान मार्केटिंग और सेल्स का काम करने वालों को फायदा हो सकता है.
उपाय- गायत्री चालीसा का पाठ करें.
सिंहराशि- कर्क संक्रांति के बाद एक महीने तक का समय सिंह राशि वालों के लिए सामान्य से अच्छा रह सकता है. इस दौरान विदेश से जुड़े कई काम बनेंगे. कोई पुराना रोग दूर हो सकता है. हालांकि शत्रुपक्ष से आपको सावधान रहने की जरूरत है. नौकरीपेशा लोगों को भी अपने उग्र स्वभाव को नियंत्रण में रखना चाहिए.
उपाय-आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें.