मुंबई :राज्य के खुफिया विभाग ने फोन टैपिंग मामले के संबंध में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुंबई पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद डॉ रश्मि शुक्ला के लिए परेशानी बढ़ सकती हैं.
खुफिया विभाग ने भारतीय टेलीग्राफ 1885 की धारा 30 बी के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की धारा 43 बी, 66 और आधिकारिक गुप्त अधिनियम 1923 की धारा 5 के तहत अपराध दर्ज किया है.
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में मुबंई पुलिस अधिकारियों के तबादलों को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इससे महाविकास आघाड़ी सरकार में हलचल मच गई और मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को इससे संबंधित रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था.
कुंटे ने अपनी रिपोर्ट कहा है कि 2020 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कुल 167 तबादले किए गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल ने तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सीताराम कुंटे को यह रिपोर्ट सौंपी थी. कुंटे अब राज्य के मुख्य सचिव हैं.
हालांकि फडणवीस ने कुंटे द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर संदेह जताया. उन्होंने कहा कि हो सकता है महामंत्री विकास सरकार के मंत्रियों द्वारा उन पर दबाव डाला गया है, ताकि वो उनकी इच्छा के अनुसार रिपोर्ट तैयार कर सकें.फडणवीस ने कहा है कि उन्हें संदेह है कि हो सकता है कि यह रिपोर्ट मंत्रियों द्वारा तैयार की गई हो.
नवाब मलिक ने फडणवीस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि रिपोर्ट ईमानदार अधिकारी सीताराम कुंटे द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट, लेकिन फडानवीस द्वारा की गई आलोचना उनकी ईमानदारी पर सवालिया निशान उठाती है. उन्होंने कहा कि एसीएस कमेटी पुलिस विभाग में तबादलों की देखरेख करती है और उसी के अनुसार वे कार्य करती हैं. रश्मि शुक्ला द्वारा रिपोर्ट पेश किए जाने तक किसी अधिकारी का स्थानांतरण नहीं किया गया था.
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वहीं रिपोर्ट को लेकर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि, इस मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जो भी फैसला लेंगे, मैं उसका समर्थन करूंगा. कुंटे एक सक्षम अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं और उन्होंने एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है. पवार ने कहा कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट के माध्यम से तथ्य सभी के सामने आए हैं.