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'किसान मजदूर संघर्ष दिवस' : हैदराबाद में 'महाधरना', विदेश में भी कार्यक्रम - Samyukt Kisan Morcha

किसान नेता सर छोटू राम की जयंती के उपलक्ष्य में 'किसान मजदूर संघर्ष दिवस' (kisan mazdoor sangharsh diwas) मनाने का फैसला लिया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा है कि 25 नवंबर के दिन हैदराबाद में महाधरना का आयोजन होगा. एसकेएम की कहना है कि विदेश में रह रहे प्रवासी भारतीय 26 नवंबर को कार्यक्रम आयोजित करेंगे.

हैदराबाद में महाधरना
हैदराबाद में महाधरना

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Published : Nov 25, 2021, 12:06 AM IST

नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) बुधवार को 'किसान मजदूर संघर्ष दिवस' (kisan mazdoor sangharsh diwas) मनाएगा. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा एसकेएम ने कहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन को एक साल पूरा होने के मौके पर तेलंगाना में कार्यक्रम होगा.

एसकेएम के बयान मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेता हैदराबाद में 25 नवंबर को होने वाले 'महा धरना' में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में राकेश टिकैत भी शामिल होंगे. हैदराबाद में श्रमिकों और मजदूरों के साथ वार्ता करके उनकी समस्याएं सुनेंगे.

बयान में कहा गया कि किसान आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार, 26 नवंबर को प्रवासी भारतीयों द्वारा ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, कनाडा और नीदरलैंड में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

गौरतलब है कि किसानों के लंबे आंदोलन के बाद तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को केंद्रीय मंत्रिमंडल में औपचारिक मंजूरी दी गई. इन्हें संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश करने के बाद कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा.

इससे पहले गत 19 नवंबर को कृषि कानूनों की वापसी (Farm Law Withdrawal) पर पीएम मोदी ने बड़ा एलान किया था. राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. उन्होंने देशवासियों से माफी भी मांगी. पीएम ने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे.

कृषि कानूनों को वापस लेने से जुड़ी खबरें-

गौरतलब है कि तीन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आंदोलनकारी किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर तीन जगहों पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे.

(एजेंसी इनपुट)

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