शहडोल। शहडोल जिले में एक बार फिर से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. इसमें एक पोते को अपने दादा के मृत शरीर को बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसके बाद अब ये मामला तूल पकड़ लिया है. पोते को अपने दादा के मृत शरीर को इस तरह से बाइक पर ले जाना. एक बार फिर से स्वास्थ्य सिस्टम पर कई सवाल खड़ी कर रहा है.
जानिए पूरा मामला:पूरा मामला शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर अंतर्गत धुरवार गांव का है. जहां के रहने वाले 56 साल के ललुईया बैगा को हाई बीपी होने के बाद उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के दौरान ललुईया बैगा की रविवार सुबह मौत हो गई. ललुईया बैगा की मौत के बाद परिजनों ने शव को ले जाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था करनी चाही. लेकिन जब शव वाहन की व्यवस्था नहीं हुई, तो परिजन परेशान हो गए. फिर पोते ने बाइक पर ही अपने दादा के शव को रख कर ले जाने की ठानी.
जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर तक शव को लेकर रवाना हो गए. इस दौरान बाइक पर शव को पोता संभाल भी नहीं पा रहा था. इससे मृतक का शव बार-बार बाइक से गिरता नजर आ रहा था. इस घटना के बाद एक बार फिर से आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
पोते ने क्या कहा?: इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मृतक के पोते का कहना है कि वो शव वाहन के लिए हर जगह मांग कर चुके थे. इससे भी मांग कर रहे थे. वो इधर-उधर की बात कर रहा था. कोई पैसे मांगता हमारे पास पैसे थे नहीं हम लोग गरीब हैं, तो कुछ लोग तरह-तरह के फोन नंबर बताते. जब हमें कुछ समझ में नहीं आया, तो फिर हमने खुद ही बाइक पर अपने दादा के शव को रखकर गांव लेकर आए.