मुंबई :न्यायमूर्ति दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर भी आने की संभावना है, इसलिए निजी अस्पतालों को आक्सीजन की अपनी मांग की पूर्ति के लिए अपने ऑक्सीजन संयंत्र लगाना जरूरी है.
पीठ ने कहा, ''अब तीसरी लहर आने की संभावना है, तो फिर निजी अस्पताल क्यों नहीं अपने ऑक्सीजन संयंत्र लगाएं? कम से कम वे अपने यहां मांगों की पूर्ति कर सकें? वे मरीजों से इलाज का शुल्क लेते हैं.' अदालत ने एक अखबार की खबर का जिक्र किया जिसके मुताबिक सांगली में एक निजी अस्पताल ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए अपना ऑक्सीजन संयंत्र लगाया है.
इसने कहा कि अगर सांगली का एक अस्पताल ऐसा कर सकता है तो फिर मुंबई, नागपुर, पुणे और औरंगाबाद में निजी अस्पताल अपना ऑक्सीजन संयंत्र क्यों नहीं लगा सकते हैं? अदालत ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी से कहा, ''वक्त आ गया है. यह आवश्यक है कि उनके पास अपना संयंत्र हो. सरकार इस बारे में क्या सोचती है?'
पीठ ने कुंभकोनी को निर्देश दिया कि 11 मई तक अदालत को बताएं कि ऑक्सीजन संयंत्र बनाने के लिए किसी अस्पताल को कितने क्षेत्र की जरूरत है, क्या संभावित खर्च आता है और किस तरह के उपकरण आदि की जरूरत होती है.