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राफेल सौदे पर राहुल का Poll, पूछा- जेपीसी जांच को मोदी सरकार क्यों नहीं तैयार

मोदी सरकार ने फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 23 सितंबर 2016 को 59,000 करोड़ के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे. कांग्रेस का आरोप है कि इस सौदे में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है.

राहुल गांधी
राहुल गांधी

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Published : Jul 4, 2021, 12:53 PM IST

Updated : Jul 4, 2021, 3:48 PM IST

नई दिल्ली :राफेल सौदा शुरू से ही विवादों से घिरा रहा है. जिसको लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर निशाना साधती रही. हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर बीजेपी को इस मुद्दे पर घेरा, जिससे अब एक बार फिर राफेल विमान पर सियासी बवाल शुरू हो गया है.

कांग्रेस ने मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अब जब फ्रांस ने इस डील में जांच शुरू करने के आदेश दे दिए हैं, तो भारत सरकार जांच क्यों नहीं करवा रही?

दरअसल फ्रांस ने 59000 करोड़ की डील में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद एक एनजीओ के कोर्ट में पहुंचने के बाद जून महीने में इस मामले में जांच शुरू कर दी है. जांच की निगरानी के लिए बाकायदा कमिटी में एक जज की नियुक्ति भी की है.

अब कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब एक देश जिसको इस डील से पैसे कमाने का मौका मिला है. वह जांच करवा सकता है, तो भारत जहां देश के जनता के हजारों करोड़ इस महत्वपूर्ण डील पर खर्च हुए हैं और नुक्सान हुआ है वहां जांच कराने में क्या हर्ज है?

बता दें, राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोल चालू किया है और पूछा है कि जेपीसी जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है? इसमें चार ऑप्शन भी दिए हैं- अपराधबोध, मित्रों को भी बचाना है, जेपीसी को राज्यसभा सीट नहीं चाहिए, ये सभी विकल्प सही हैं.

वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं. खेड़ा ने कहा है कि एक ऐसे प्रधानमंत्री जो बोलने के लिए मशहूर हैं, वह इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं. देश के रक्षा मंत्री को सामने आ कर जवाब देना चाहिए, लेकिन वह भी चुप हैं.

पवन खेड़ा का बयान

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में प्रति विमान जो डील 570 करोड़ रुपये में तय हो रही थी वह डील मोदी सरकार में 1670 करोड़ प्रति विमान तय की गई. कांग्रेस एक मात्र विपक्षी पार्टी है, जो लगातार इस पर सवाल उठाती रही है, लेकिन सरकार आज तक संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई, क्योंकि जाहिर है कि इस डील में मोदी सरकार ने कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने का काम किया .

पढ़ें :राफेल सौदा: कथित भ्रष्टाचार की जांच पर फ्रांस तैयार, जज की हुई नियुक्ति, रिपोर्ट में दावा

कांग्रेस ने एक बार फिर इस मामले में जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी) से जाेच कराने की मांग की है. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि यूपीए सरकार में 100 से ज्यादा विमान खरीदना तय हुआ था, लेकिन एनडीए सरकार ने केवल 36 विमानों की खरीद तक इस डील को न केवल सीमित कर दिया, बल्कि उसमें भी अभी केवल 14 विमान ही देश में पहुंच सके हैं.

खबर यह भी है कि जल्द ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर राफेल सौदे में मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं.

Last Updated : Jul 4, 2021, 3:48 PM IST

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