नई दिल्ली: जर्मन विदेश मंत्रालय द्वारा जारी राहुल गांधी की अयोग्यता की आलोचना करने वाले एक बयान का दिग्विजय सिंह द्वारा स्वागत किए जाने के घंटों बाद कांग्रेस ने गुरुवार को फिर से खुद को उनसे दूर कर लिया. यह दूसरी बार था जब अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाने वाले दिग्गज से पार्टी ने खुद को दूर किया है, जो अक्सर भाजपा को कांग्रेस पार्टी पर सवाल उठाने का मौका देते हैं.
कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने इस मामले में कहा कि कांग्रेस का दृढ़ विश्वास है कि श्री मोदी द्वारा हमारी संस्थाओं पर हमले और उनकी बदले की राजनीति, डराने-धमकाने, उत्पीड़न की राजनीति से हमारे लोकतंत्र को उत्पन्न खतरों से भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को स्वयं ही निपटना होगा. कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां निडरता से उनका मुकाबला करेंगी.
पार्टी की आधिकारिक टिप्पणी के कुछ ही घंटे पहले दिग्विजय सिंह ने जर्मन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता का स्वागत करते हुए कांग्रेस प्रणाली के भीतर कई लोगों को नाराज कर दिया था, जिन्होंने 2019 में पीएम मोदी के नाम से जुड़े मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा के बाद राहुल की लोकसभा से अयोग्यता पर चिंता व्यक्त की थी. दिग्विजय की टिप्पणी ने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाल दिया, क्योंकि पार्टी हाल ही में भाजपा के आरोपों से राहुल गांधी का बचाव कर रही थी कि पूर्व कांग्रेस नेता ने यूनाइटेड किंगडम में भारत को यह कहकर बदनाम किया था कि लोकतंत्र खतरे में है.
बीजेपी ने तो यहां तक आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पश्चिमी शक्तियों से उस स्थिति में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था, जिस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा था कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने स्पष्ट रूप से कहा था कि भारतीय लोकतंत्र एक सार्वजनिक भलाई है और चूंकि इसमें लाखों लोग शामिल हैं, इसने वैश्विक लोकतंत्र को भी प्रभावित किया है. कांग्रेस ने यह भी बताया था कि राहुल ने विशेष रूप से कहा था कि भारतीय लोकतंत्र से जुड़ी समस्याओं का समाधान देश के भीतर से आएगा.