चंडीगढ़ : पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 सहित तीन विधेयकों को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक ये विधेयक 19-20 जून के सत्र में पंजाब विधानसभा द्वारा पारित किए गए थे. राज्यपाल ने जिन दो अन्य विधेयकों को आरक्षित किया है, उनमें पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 और पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2023 शामिल हैं.
सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक-2023 का उद्देश्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का निशुल्क प्रसारण सुनिश्चित करना है जबकि पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक-2023 राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को नियुक्त करने के संबंध में है.
पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक-2023 का उद्देश्य पुलिस महानिदेशक पद पर उपयुक्त व्यक्तियों के चयन और नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र प्रक्रिया तंत्र लाने का मार्ग प्रशस्त करना है. राज्यपाल ने उच्चतम न्यायालय द्वारा 19-20 जून के सत्र को वैध बताए जाने के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया है. राज्यपाल ने पहले इस सत्र को स्पष्ट रूप से अवैध करार दिया था. उच्चतम न्यायालय ने 10 नवंबर को विधानसभा द्वारा पारित कुछ विधेयकों को 'अनिश्चित काल तक दबाकर बैठे रहने' के लिए पंजाब के राज्यपाल की खिंचाई करते हुए कहा था, 'आप आग से खेल रहे हैं.'
शीर्ष अदालत ने बजट सत्र को स्थगित करने के बजाय बार-बार अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने के लिए राज्य सरकार से भी सवाल किया था. हालांकि, इसने सदन के कामकाज के संचालन या इसके सत्र को स्थगित करने में विधानसभा अध्यक्ष की सर्वोच्चता को बरकरार रखा था.
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