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पीएसआई भर्ती मामला : मुख्य आरोपी दिव्या हागरागी गिरफ्तार

पीएसआई भर्ती मामला में अदालत ने चेतावनी दी थी कि यदि आरोपी एक सप्ताह के भीतर जांच अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी. जिसके 18 दिन बाद दिव्या को गिरफ्तार किया गया है.

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Published : Apr 29, 2022, 12:23 PM IST

कलबुर्गी: कर्नाटक में पीएसआई भर्ती घोटाला की जांच कर रहे सीआईडी ने आज पुणे में मुख्य आरोपी दिव्या हागरागी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने महाराष्ट्र के पुणे में भाजपा नेता और कलबुर्गी ज्ञान ज्योति इंग्लिश मीडियम स्कूल की मालिक दिव्या हागरागी, प्रधानाध्यापक काशीनाथ, पर्यवेक्षक अर्चना, सुनंदा और पीएसआई उम्मीदवार शांताभाई के रूप में पहचाने गए आरोपियों को गिरफ्तार किया. उन्हें कलबुर्गी सीआईडी ​​कार्यालय लाया जाएगा. गुरुवार को गिरफ्तार आरोपी ज्योति पाटिल की सूचना पर सीआईडी ​​अधिकारी ने पुणे जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया है. दिव्या के आवास पर पहले भी सीआईडी ​​ने छापे मारी की थी.

लेकिन वह फरार होने में सफल हो गई थी. उनके पति राजेश हागरागी को उन्हें फरार होने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने मामले में कुछ आरोपियों को भागने में मदद की थी. स्थानीय अदालत ने हागरागी समेत 6 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. अदालत ने चेतावनी दी थी कि यदि आरोपी एक सप्ताह के भीतर जांच अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी. पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि ऐसा आदेश दुर्लभ अवसरों पर पारित किया जाता है. इससे पहले भी इसी तरह के आदेश अलग हुए डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ पारित किए गए थे. अब 18 दिन बाद दिव्या को गिरफ्तार किया गया है. दिव्या को कलबुर्गी में ज्ञान ज्योति इंग्लिश मीडियम स्कूल का मालिक बताया जाता है, जहां कदाचार की सूचना मिली थी.

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इससे पहले, कर्नाटक में पीएसआई (पुलिस सब-इंस्पेक्टर) भर्ती घोटाले में राज्य सरकार ने एडीजीपी अमृत पॉल का बुधवार को तबादला कर दिया. भाजपा सरकार द्वारा तबादला, ऐसे समय में हुआ है, जब सीआईडी के अधिकारियों ने पीएसआई की भर्ती प्रक्रिया में व्याप्त बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले घोटाले की जांच तेज कर दी है, जिससे कई सवाल खड़े हो गये हैं. सरकार ने एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आर हितेंद्र को एडीजीपी, भर्ती के रूप में प्रतिनियुक्त किया है.

सूत्रों के अनुसार, सीआईडी के अधिकारी परीक्षा केंद्रों के अधीक्षकों और पर्यवेक्षकों और एसीपी रैंक के अधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारी कर रहे हैं, जिन्हें परीक्षा के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. सूत्रों ने यह भी कहा कि सीआईडी के अधिकारियों ने एडीजीपी भर्ती कार्यालय का निरीक्षण किया था. पुलिस ने घोटाले के सिलसिले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें भाजपा और कांग्रेस दोनों नेता शामिल हैं. आरोपित हागरागी की गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आने से सत्तारूढ़ भाजपा को झटका लगा है. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के साथ उनकी तस्वीरें भी सामने आने के बाद पार्टी ने राहत की सांस ली है. पीएसआई के 545 पदों के लिए परीक्षा पिछले साल अक्टूबर में आयोजित की गई थी. परीक्षा के लिए 54,041 उम्मीदवार उपस्थित हुए. नतीजे इसी जनवरी में घोषित किए गए थे.

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बाद में, आरोप सामने आए कि वर्णनात्मक (डिसक्रिटिव) लेखन में बहुत खराब प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों ने पेपर 2 में अधिकतम अंक प्राप्त किए. हालांकि, पुलिस विभाग और गृह मंत्री ने परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया. उम्मीदवारों में से एक ने एक उम्मीदवार की ओएमआर शीट पर जानकारी मांगने के लिए एक आरटीआई आवेदन दायर किया. हालांकि, आवेदन खारिज कर दिया गया था, उम्मीदवार की ओएमआर शीट सार्वजनिक डोमेन में दिखाई दी. पुलिस सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवार वीरेश ने पेपर 2 में केवल 21 प्रश्न किये थे, लेकिन उसे 100 अंक मिले थे. उन्हें 7वां रैंक दिया गया था. कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने आरोप लगाया था कि 545 उम्मीदवारों में से 300 से अधिक ने पीएसआई बनने के लिए अधिकारियों और मंत्रियों को 70 से 80 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. सत्तारूढ़ भाजपा ने उन्हें सीआईडी के समक्ष सबूत पेश करने की चुनौती दी है.

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