मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Former cm Uddhav Thackeray) ने गुरुवार को दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियां 'केंद्र के पालतू जानवर' की तरह काम कर रही हैं और धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को ज़मानत देने का अदालत का फैसला देश के लिए एक मार्गदर्शक जैसा था. मुंबई के बांद्रा इलाके में अपने आवास 'मातोश्री' में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिवसेना के एक धड़े के प्रमुख ठाकरे ने कहा कि राउत को फिर से झूठे मामले में फंसाया जा सकता है.
राज्यसभा सदस्य संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) ने उद्धव से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद कहा कि उन्हें विश्वास था कि ठाकरे और पार्टी उनकी अनुपस्थिति में उनके परिवार के साथ खड़े रहेंगे और वह संगठन के लिए '10 बार और जेल जाने को तैयार हैं.' शिवसेना सांसद यहां की एक विशेष अदालत द्वारा ज़मानत मिलने के बाद बुधवार को मुंबई की आर्थर रोड जेल से रिहा हो गए.
अदालत ने राउत की गिरफ्तारी को अवैध और निशाना बनाने की कार्रवाई करार दिया था. उद्धव ठाकरे ने कहा, 'अदालत के आदेश से अब यह बिल्कुल स्पष्ट है कि केंद्रीय एजेंसियां केंद्र के पालतू जानवरों की तरह काम कर रही हैं और पूरी दुनिया इसे देख रही है.' राउत से शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर रोक लगाने के भारत के निर्वाचन आयोग के फैसले के बारे में पूछने पर राउत ने कहा, 'संविधान पर प्रतिबंध (फ्रीज) लगाने का प्रयास किया जा रहा है.'
उन्होंने कहा, 'हमारे जैसे लोगों को अवैध रूप से गिरफ्तार किया जाता है और यह संविधान पर प्रतिबंध (फ्रीज) करने जैसा है.' उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके कई दलों में विभाजन किया गया और अवैध रूप से गिरफ्तारियां की गईं. उन्होंने कहा कि राउत का मामला उन लोगों के लिए एक उदाहरण है जो पार्टी से भाग गए, बिना डरे लड़ाई कैसे लड़ी जाए.
ठाकरे ने कहा, 'अगर किसी ने कुछ गलत नहीं किया है, तो डरने की कोई बात नहीं है. यह उनके लिए भी एक सबक है जो पार्टी छोड़कर भाग गए हैं. न्यायपालिका द्वारा निष्पक्ष रूप फैसला देना एक अच्छा संकेत है और कल का आदेश एक मार्गदर्शक है.' उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और आम आदमी पार्टी (आप), तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जैसे राजनीतिक संगठनों को भी निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, बेलगाम शासकों को इस बात का अंदाज़ा नहीं है कि अगर ये सभी ताकतें एक साथ आ जाएं तो क्या होगा. उन्होंने कहा, 'सभी दिन एक जैसे नहीं होते और स्थितियां बदल जाती हैं.' राउत ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी सत्ता के दुरुपयोग और राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है. सांसद ने कहा कि वह जेल के दिनों से ही अस्वस्थ हैं.