नई दिल्ली :कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती देने और डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एम्स में भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन की पहली खुराक ली.
पीएम मोदी द्वारा वैक्सीन लेने पर अब हर जगह से रिएक्शन आ रहे हैं. कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने पीएम मोदी की इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि हम सब मिलकर लड़ेंगे और विजयी होंगे.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई जिसे वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसीत किया गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन लगवाकर विपक्ष को भी एक बड़ा संदेश दे दिया है, जो वैक्सीन के साथ-साथ भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमताओं पर सवाल उठा रहे थे.
कोरोना वैक्सीनेशन का पहला चरण शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने कोवैक्सिन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे. डॉक्टरों ने इसको लेकर एक पत्र मेडिकल सुपरिटेंडेंट को लिखा था. कोवैक्सिन को जब इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी तब तक इसके तीनों चरण का ट्रायल पूरा नहीं हुआ था. डॉक्टरों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने की मांग की थी.
हालांकि कोविशिल्ड के बजाय कोवैक्सीन का पहला डोज लगवाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय सवाल उठाने वालों को एक मजबूत संदेश देता है.
वैक्सीन निर्माता के अनुसार, वेरो सेल प्लेटफॉर्म पर यह टीका विकसित किया गया है, जिसकी देश और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा और प्रभावकारिता का एक सुव्यवस्थित ट्रैक रिकॉर्ड किया गया है.