नई दिल्ली :वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन से उत्पन्न समस्याओं के कारण ग्रामीणों को मुकदमे से पहले कानूनी सलाह लेने में दिक्कतें आ रही थीं. इसके समाधान में कानूनी सलाह मुहैया कराने के लिए कानून मंत्रालय की शुरू की गई 'टेली-परामर्श सेवा' पर अब देश के विभिन्न हिस्सों से फोन आ रहे हैं.
लोग 'टेली-लॉ' (दूरसंचार कानून) योजना के विभिन्न स्थानीय केन्द्रों पर फोन कर रहे हैं. इन पर कोविड-19 के दिशा-निर्देशों को लागू करने में पुलिस की सख्ती तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं उनके परिवारों से किए जा रहे भेदभाव जैसे विभिन्न मुद्दों के समाधान पूछे जा रहे हैं, जिन पर कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने के गलत आरोप लगाए गए हैं.
इन स्थानीय केन्द्रों पर फोन करने वाले लोगों की वकीलों से बात कराई जाती है जो उनके सवालों का कानूनी रूप से उचित जवाब देते हैं.
कानून मंत्रालय में न्याय विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार, मेघालय के लिए 'टेली-लॉ सेवा' के पैनल के एक वकील, अधिवक्ता ख्रुकुपर कोंगजोहो से दक्षिण गारो हिल्स जिले के चोकपोट बाजार के एक व्यक्ति ने स्वास्थ्य कर्मियों और उनक परिवार पर लगे संक्रमण फैलाने के आरोप को गलत साबित करने और उनके साथ हो रहे भेदभाव से कैसे निपटने के बारे में सवाल किया.