इस्लामाबाद :पाकिस्तान ने सोमवार को भारत पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर इस्लामाबाद को एक बार फिर यूएन सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपात बैठक में बोलने की अनुमति नहीं दी गई.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को बैठक के बाद इस बारे में सिलसिलेवार ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज अफगानिस्तान को लेकर हुई यूएनएससी की बैठक में एक बार फिर पाकिस्तान को बोलने का अवसर नहीं दिया गया.
उन्होंने ट्वीट किया, अफगानिस्तान की नियति को लेकर इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया और व्यवधान डाला. इस बहुपक्षीय मंच का बार-बार राजनीतिकरण करना, अफगानिस्तान और क्षेत्र के लिए उसकी नीयत को दर्शाता है.
पाकिस्तान के समर्थन में आया चीन
चीन ने अपने सहयोगी देश पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कहा कि भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में अफगानिस्तान के पड़ोसी देश को बोलने की अनुमति नहीं दिया जाना 'अफसोसजनक' है.
पाकिस्तान का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप राजदूत गेंग शुआंग ने कहा, परिषद के कुछ सदस्यों ने अपने बयान में कहा कि वे यह देखना चाहते हैं कि अफगानिस्तान के पड़ोसी इस मामले में बड़ी भूमिका निभाएं. हमें पता चला कि कुछ क्षेत्रीय देशों और अफगानिस्तान के पड़ोसियों ने आज की बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया था. यह अफसोसजनक है कि उनके अनुरोधों को स्वीकार नहीं किया गया.
भारत ने अफगानिस्तान संकट पर सोमवार को हुई यूएनएससी बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति उसके लिए चिंता का गंभीर विषय है और उम्मीद जताई कि इस पड़ोसी मुल्क में जल्द स्थिरता लौटेगी तथा ऐसी सरकार बनेगी, जिसमें सभी तबकों का प्रतिनिधित्व होगा.