कोलकाता : दुर्गा पूजा के लिए प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल के कोलकाता (west bengal durga puja) में इस साल धरती मां और सांप्रदायिक सौहार्द पर आधारित पंडाल सड़कों पर (theme based pandals in kolkata) सजाए जाएंगे. पश्चिम बंगाल में हर साल, कई पूजा आयोजक किसी एक विषय वस्तु का चुनाव करते हैं और उनके पंडाल, मूर्तियां और सजावट इसे दर्शाती हैं. उत्तरी कोलकाता में काशी बोस लेन पूजा समिति द्वारा आयोजित पूजा के पंडाल और उसके अंदरूनी हिस्से 'माटी' (पृथ्वी) पर आधारित होंगे. समिति के महासचिव सोमेन दत्ता ने बताया कि धरती मां हमारे अस्तित्व में अंतर्निहित है और यह वही स्थान है जहां हम मृत्यु के बाद लौटते हैं. यह सृष्टि का भी प्रतीक है क्योंकि पृथ्वी पर पेड़-पौधे उगते हैं. उन्होंने बताया कि इस साल पंडाल पिछले दो वर्षों की तुलना में बड़े बनाए जाएंगे ताकि हजारों लोग इसमें आ सकें.
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में त्योहार के दौरान प्रतिबंध लागू थे. शहर में दुर्गा पूजा आयोजकों के मंच 'फोरम फॉर दुर्गोत्सव' के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी दत्ता ने कहा कि पूजा समिति के सदस्य भी एक सितंबर को यूनेस्को के सम्मान में एक रैली में भाग लेंगे. पिछले साल 15 दिसंबर को यूनेस्को ने 'कोलकाता में दुर्गा पूजा' को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया था.