नई दिल्ली:नई आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से मना कर दिया. दो जजों चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत याचिका सहित विभिन्न मंचों पर विभिन्न कानूनी उपाय उपलब्ध हैं. हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते. सिर्फ इसलिए कि दिल्ली में एक घटना होती है इसका मतलब यह नहीं है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में आएगा.
इस पर सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने विनोद दुआ के मामले का जिक्र किया. तब CJI ने कहा कि यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के बारे में है. विनोद दुआ का मामला बहुत अलग था, यह एक भ्रष्टाचार का मामला है. हाईकोर्ट जाओ. हमारे दरवाजे खुले हैं, लेकिन हम इसे इंट्रटेन करने के लिए तैयार नहीं हैं. यह एक बहुत बुरी मिसाल होगी. SC ने कहा कि SC से जो राहत मांग रहे हैं, उसके लिए ट्रायल कोर्ट या दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए. इस पर सिंघवी ने कहा कि कम से कम उन्हें इसे शीघ्रता से करने के लिए कहें.
बता दें, मंगलवार सुबह ही सिसोदिया ने CBI की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. उनकी तरफ से अर्जेंट हियरिंग पिटिशन दाखिल कर तुरंत सुनवाई की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. कोर्ट की कार्यवाही तय समय दोपहर 3.50 बजे से करीब एक घंटे विलंब से शुरू हुई. लेट पंजाब के बजट सेशन पर सुनवाई के कारण हुई.
दिल्ली हाईकोर्ट गई AAP:वहीं, सूचना है कि SC में याचिका के खारिज होने के बाद AAP ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के लिए याचिका दाखिल की है. बुधवार को इस मामले में सुनवाई हो सकती है.
सुबह दाखिल हुई थी अर्जीः इससे पहले सुबह अर्जी दाखिल करने पर चीफ जस्टिस ने कहा था कि आपके पास अन्य विकल्प भी हैं, जो सीआरपीसी 482 के अंतर्गत उपलब्ध हैं. आप उन विकल्पों पर क्यों नहीं जाना चाहते. मुख्य न्यायाधीश के सवाल पर सिसोदिया की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विनोद दुआ के मामले में ऐसे ही एक पिटीशन पर सुनवाई की गई थी. इस याचिका को आज दिन के अंत तक या फिर कल के लिए सूचीबद्ध करने की अपील है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. वहीं, दूसरी तरफ CBI ने मंगलवार को अपनी पूछताछ का सिलसिला शुरू कर दिया है.
26 फरवरी को सिसोदिया को किया गया था गिरफ्तार :सीबीआई ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में मनीष सिसोदिया को आपराधिक षड्यंत्र रचने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और साक्ष्यों को मिटाने और साक्ष्यों से छेड़खानी करने के मामले में बीती 26 फरवरी को हिरासत में लिया था. इससे पहले सीबीआई ने उन्हें तीन बार नोटिस देकर पूछताछ के लिए अपने कार्यालय बुलाया था , जहां 8 घंटे से अधिक लंबी पूछताछ की गई. इसके अलावा सिसोदिया के घर, कार्यालय व गांव में भी छापेमारी कर दस्तावेज व साक्ष्यों को जुटाया गया था.
क्या है मामला :सीबीआई ने दिल्ली के उपराज्यपाल की शिकायत पर दिल्ली एक्साइज पॉलिसी को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में मनीष सिसोदिया समेत कुल 15 लोगों को नामजद किया गया था. इसके साथ ही इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने भी एक केस रजिस्टर किया है जिसमें उसने अब तक 9 गिरफ्तारियां की हैं, जबकि सीबीआई ने इस मामले में 4 गिरफ्तारियां की हैं.
दोनों ही एजेंसियों ने अपने-अपने प्राथमिक आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिए हैं . कोर्ट इन मामलों पर सुनवाई कर रहा है. जनसपंर्क कंपनी चलाने वाले विजय नायर, समीर महेंद्रु, अभिषेक बोइनपल्ली, विनय बाबू, शरथ रेड्डी और अमित अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा राजेश जोशी और श्रीनिवासुलू रेड्डी के बेटे राघव मगुनता को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है.
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