इंफाल: मणिपुर की राजधानी इंफाल के बीचोंबीच स्थित ख्वायरमबंद बाजार में एकत्र हुई एक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने गुरुवार शाम आंसू गैस के गोले छोड़े. कांगपोकपी जिले में सुबह में हुई गोलीबारी में मारे गये एक व्यक्ति के शव को वहां लाया गया था और एक पारंपरिक ताबूत में रखा गया था. अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारी एकत्र हुए और भीड़ ने मुख्यमंत्री आवास तक ताबूत के साथ एक जुलूस निकालने की धमकी दी.
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यालय पर हमला किया गया. गौरतलब है कि राज्य में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं.
राज्य की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय से है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्य रूप से पर्वतीय जिलों में रहती है.
गौरतलब है कि कंगपोकपी जिले के हरओठेल गांव में गुरुवार की सुबह कुछ अज्ञात दंगाइयों ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गये. इस घटना के कारण क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. सेना की स्थानीय इकाई ने ट्वीट किया कि अपुष्ट खबरों से संकेत मिलता है कि घटना में कुछ लोग हताहत हुए हैं. इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र से एक शव बरामद किया गया.