चेन्नई : कोयंबटूर में स्थित ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation )के खिलाफ स्वत: संज्ञान से कार्रवाई शुरू करने के तमिलनाडु बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अधिकार को बरकरार रखते हुए मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court )ने फाउंडेशन को नये सिरे से अपने बचाव में दस्तावेज आदि साक्ष्य लेकर आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमणियम (Justice S M Subramaniam ) ने फाउंडेशन की ओर से दायर रिट याचिका का निपटारा करते हुए हाल ही में उक्त निर्देश दिए. फाउंडेशन की ओर से कोयंबटूर के वेल्लीआनगिरि में उसके प्रशासक अदालत में पेश हुए थे.
इस फाउंडेशन की स्थापना 1992 में सदगुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev ) ने की थी और यह बच्चों के लिए स्कूल चलाने के अलावा अन्य सामाजिक कार्य भी करता है.