नई दिल्ली: बीजिंग में भारत के प्रभारी डी'एफ़ेयर (India’s Charge’ D’affaires) बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह (Opening Or The Closing Ceremony Of The Beijing Winter Olympics) में शामिल नहीं होंगे. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह घोषणा की. एक्विनो विमल बीजिंग में भारत के प्रभारी 'डी'अफेयर हैं. यह फैसला पीएलए (People’s Liberation Army’s) के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने के बाद लिया गया है. भारत के राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि चीन ने आज जो किया है वह उनकी ओर से एक 'जानबूझकर धोखाधड़ी' प्रतीत होता है. इसकी जरूरत नहीं थी. इस कदम ने खेलों को लेकर हमारी सद्भावना को कम कर दिया है. यदि चीन भारत के साथ अच्छे संबंधों में रुचि रखता था, तो उसे ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए था. जिसका इतना प्रतीकात्मक नकारात्मक परिणाम हो.
मैं राजनयिक पक्ष से शीतकालीन ओलंपिक में आधिकारिक भागीदारी का बहिष्कार करने के सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं. त्रिनुगायत ने कहा कि राजनीति को खेलों से दूर रखा जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है. ये चीनी खेल एक यूएस-चीन शीत संघर्ष की छाया में हो रहे हैं, जो अब काफी समय से चल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय भावना और खेल भावना रखना चाहता था.
पढ़ेंः 'चीन क्या करने वाला है', इस पर राहुल ने सरकार को दी चेतावनी