नई दिल्ली:बीबीसी (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) के दफ्तरों पर बुधवार को दूसरे दिन भी इनकम टैक्स की रेड जारी रही. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईटी अधिकारी 2012 से लेकर अब तक के एकाउंट्स की डिटेल पता कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आईटी अधिकारियों ने फाइनेंस डिपार्टमेंट के स्टाफ के मोबाइल, लैपटॉप आदि जब्त कर लिए हैं. सूत्रों से ये भी पता चला है कि ये रेड अभी जारी रहेगी. इस बीच अमेरिका का बड़ा बयान सामने आया है.
बीबीसी इंडिया के खिलाफ आयकर विभाग का सर्वेक्षण अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा और समझा जाता है कि अधिकारी संगठन के इलेक्ट्रॉनिक और कागज आधारित वित्तीय आंकड़ों की प्रतियां बना रहे हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. कर विभाग ने भारत में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के खिलाफ कथित कर चोरी की जांच के तहत बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों और इससे जुड़े दो परिसरों में मंगलवार को कार्रवाई शुरू की थी.
घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि मंगलवार को करीब साढ़े ग्यारह बजे जासूसों ने बीबीसी का दरवाजा खटखटाया और वे अभी भी मौजूद हैं. कर अधिकारी बीबीसी के वित्त और कुछ अन्य विभागों के कर्मचारियों से बात की, जबकि अन्य कर्मचारियों और पत्रकारों को मंगलवार रात जाने की अनुमति दी गई थी.
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह दिल्ली में बीबीसी के कार्यालय पर भारतीय कर प्राधिकारियों द्वारा किए जा रहे 'सर्वे ऑपरेशन' से अवगत है, लेकिन वह कोई निर्णय देने की स्थिति में नहीं हैं. आयकर प्राधिकारियों ने कहा है कि यह कार्रवाई कर चोरी की जांच के सिलसिले में की गई है.
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'प्रेस एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं' :बीबीसी इंडिया के खिलाफ आयकर विभाग के सर्वे अभियान के बीच अमेरिका ने कहा है कि वह प्रेस की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता के सार्वभौमिक अधिकारों के महत्व का समर्थन करता है, जो भारत सहित दुनिया भर में लोकतंत्र का आधार हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने यह बयान ऐसे समय दिया जब एक दिन पहले आयकर विभाग ने कथित कर अपवंचना की जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों तथा दो अन्य संबंधित स्थानों पर सर्वे अभियान शुरू किया. यह अभियान बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा.
प्राइस ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम भारतीय कर अधिकारियों द्वारा दिल्ली में बीबीसी कार्यालयों की तलाशी लिए जाने के बारे में जानते हैं. आपको इस संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए भारतीय प्राधिकारियों के पास जाना चाहिए." प्राइस ने कहा, "हम दुनियाभर में स्वतंत्र प्रेस की महत्ता का समर्थन करते हैं. हम दुनियाभर में लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान देने वाले मानवाधिकारों के तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्म एवं आस्था की स्वतंत्रता की महत्ता पर जोर देते हैं. इसने इस देश में यहां लोकतंत्र को मजबूत किया है. इसने भारत के लोकतंत्र को मजबूत किया है." उन्होंने कहा कि ये सार्वभौमिक अधिकार दुनियाभर के लोकतंत्रों का आधार हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या यह कदम लोकतंत्र की भावना या मूल्यों के खिलाफ है, प्राइस ने कहा, "मैं ऐसा नहीं कह सकता. हम इस तलाशी (सर्वे अभियान) के तथ्यों से अवगत हैं, लेकिन मैं कोई निर्णय देने की स्थिति में नहीं हूं."
बीबीसी द्वारा दो-भाग वाले वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रसारित करने के कुछ सप्ताह बाद यह औचक कार्रवाई हुई. कर अधिकारियों ने कहा कि सर्वे अंतरराष्ट्रीय कराधान और बीबीसी की सहायक कंपनियों के 'ट्रांसफर प्राइसिंग' से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि अतीत में बीबीसी को नोटिस दिया गया था लेकिन उसने उस पर गौर नहीं किया और उसका पालन नहीं किया तथा उसने अपने मुनाफे के खास हिस्से को अन्यत्र अंतरित किया. 'सर्वे ऑपरेशन' के तहत, आयकर विभाग केवल कंपनी के व्यावसायिक परिसर की ही जांच करता है और इसके प्रवर्तकों या निदेशकों के आवासों और अन्य स्थानों पर छापा नहीं मारता.
(पीटीआई-भाषा)