नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दिया है. इससे पहले 16 मई को विशेष न्यायाधीश गीतांजली गोयल ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर आदेश देने को लेकर 16 जून तक सुनवाई टाल दी थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और थरूर की तरफ से पेश हुए वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 12 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था. जिसके बाद कई बार ये मामला टल चुका है. दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ धारा-498 ए और 306 के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था. पांच जुलाई 2018 को थरूर को जमानत मिल गई थी.
उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं
पिछले 26 मार्च को इस मामले के आरोपी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है. शशि थरुर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में शशि थरुर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि शशि थरुर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रुप से प्रताड़ित नहीं किया था, उन्होंने कहा था कि सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती है. रिश्तेदारों ने शशि थरुर पर कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल ये कह रही है कि शशि थरुर के विवाहेत्तर संबंध थे.
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