फारुख अब्दुल्ला का विवादास्पद बयान, कहा- भारत-पाक के बीच नहीं हुई बातचीत, तो फिलिस्तीनियों जैसा होगा कश्मीरियों का हाल
National Conference President, Former Chief Minister of Jammu and Kashmir Farooq Abdullah, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दा नहीं सुलझाते हैं तो कश्मीरियों का भी वही हाल होगा जो गाजा में फिलिस्तीनियों का हुआ था.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं निकालते हैं, तो कश्मीरियों का भी वही हाल होगा, जो गाजा में फिलिस्तीनियों का हुआ था.
श्रीनगर में एनसी के नवा-ए-सुभ कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए अब्दुल्ला ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान से कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत करने को तैयार नहीं है, जबकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और नवाज शरीफ भी बातचीत की जरूरत पर जोर दे चुके हैं.
अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सलाह माननी चाहिए, जिन्होंने कहा था कि भारत अपने दोस्त बदल सकता है, लेकिन पड़ोसी नहीं. फारूक ने यह भी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि मुद्दों का समाधान बातचीत से हो सकता है, युद्ध से नहीं, लेकिन बातचीत कहां है?
अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि नवाज शरीफ के अगले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बनने की संभावना है और वह बार-बार बातचीत की मांग भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार बात क्यों नहीं कर रही है? सीमावर्ती जिले पुंछ में सेना द्वारा हिरासत में तीन नागरिकों की कथित हत्या पर अब्दुल्ला ने कहा कि पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने या सेना के अधिकारियों की अदला-बदली करने से न्याय नहीं मिलेगा, क्योंकि दोषियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते पुंछ जिले के सुरनकोट के टोपा पीर इलाके में आतंकियों ने सेना पर हमला कर तीन जवानों की हत्या कर दी थी. हमले के बाद सेना ने 15 से अधिक स्थानीय निवासियों को गिरफ्तार किया और कथित तौर पर उनकी पिटाई की, जिनमें से तीन की मौत हो गई. पुलिस ने इस घटना में अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है, वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की है.