नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. आज आंदोलन का 74वां दिन है. ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि सरकार को कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए.
राहुल ने लिखा है कि किसान मोदी सरकार से कोई उम्मीद नहीं रखते और सरकार को अपना अहंकार छोड़ कर किसानों की तकलीफ समझनी चाहिए. गौरतलब है कि शनिवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान आंदोलन 2 अक्टूबर तक चलेगा. बता दें कि किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को देशभर में चक्का जाम किया.
रांची में उमड़ा जनसैलाब
जिला के नामकुम दुर्गा सोरेन चौक स्थित हाईटेंशन मैदान लोगों की भीड़ से भरा हुआ है. खिजरी विधानसभा क्षेत्र और इसके आसपास के लोग हाथों में झंडा लिए पद यात्रा करते हुए हाईटेंशन मैदान में पहुंचे. खिजरी विधानसभा के विधायक राजेश कच्छप आह्वान पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार पर हुए हमले और कृषि कानून के विरोध में महागठबंधन और सामाजिक संगठन ने जन आक्रोश महारैली का आयोजन किया.
मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला जनता बर्दाश्त नहीं करेगी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि रांची जैसे बीच शहर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला हुआ है. यह झारखंड की जनता बर्दास्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि इस षड्यंत्र का भंडाफोड़ होगा और सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. मंत्री रामेश्वर उरांव ने चेतावनी देते हुए कहा कि जन आक्रोश महारैली से किसानों के देश में केंद्र ने तीन किसान विरोधी कानून बनाकर हठधर्मिता दिखाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आज पूरा देश के किसान आंदोलित है लेकिन सरकार किसान कानून वापस नहीं ले रही है. यह आंदोलन तब तक करेंगे जब तक कि सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती है.
देश के किसान कर रहे हैं प्रदर्शन
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि आज रांची के दुर्गा सोरेन चौक स्थित हाईटेंशन मैदान में किसानों का जनाक्रोश दिख रहा है, यह एक विशाल और ऐतिहासिक रैली है. मुख्यमंत्री के काफिले पर सुनियोजित साजिश के तहत हमला हुआ और लोग इससे आक्रोशित है. मंत्री बादल पत्रलेख ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि थोपे गए कानून को वापस लें. पूरे देश के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र की सरकार मदहोश बैठी हुई है. पीएम मोदी को अपनी हठधर्मिता छोड़कर जन भावना का आदर करना चाहिए, नहीं तो उन्हें किसानों की आह लगेगी.
निजीकरण की ओर धकेलने का काम
खिजरी विधानसभा के विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि सीएम के काफिले पर गुंडातत्वों ने हमला किया है ये अशोभनीय है. आदिवासी के बेटे पर हुए हमले को झारखंड की जनता बर्दास्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि आज देश के किसान 70 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और सरकार की नींद नहीं खुल रही है. यह दुर्भाग्य है कि देश को निजीकरण की ओर धकेलने का काम किया जा रहा है.
हमले का जवाब देगी जनता
खिजरी विधायक प्रतिनिधि रंजीत बड़ाइक ने कहा कि मुख्यमंत्री पर हुए हमले को झारखंडी जनता बर्दास्त नहीं करेगी, उसका जवाब देगी. उन्होंने कहा कि आज हाईटेंशन मैदान में यह लोगों का आक्रोश है कि एक झारखंड के बेटे पर हमला हुआ है.
महारैली में इनकी रही मौजूदगी
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, खिजरी विधायक राजेश कच्छप, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रवक्ता राजीव रंजन, आलोक दुबे, डॉ. राजेश गुप्ता, झारखंड मुक्ति मोर्चा महिला केंद्रीय अध्यक्ष महुआ माजी समेत महागठबंधन के कई नेता शामिल हुए. इस जन आक्रोश रैली में शामिल होने वाले लोगों ने मैदान को खचाखच भर दिया. ट्रैक्टर जुलूस के साथ पूरे हाईटेंशन मैदान के आसपास में हजारों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून वापस लेने का नारा जमकर लगाया.
जोधपुर में बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने साधा निशाना
किसान आंदोलन को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधा है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने कहा है कि दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है वह अब किसानों का आंदोलन नहीं रह गया है बल्कि कांग्रेस व अन्य पार्टियों का समर्थित आंदोलन बन गया है.रविवार को जोधपुर में मीडिया से बात करते हुए अरुण सिंह ने कहा कि जो लोग धरने पर बैठे हैं और आम किसान को कृषि कानून से मिलने वाले लाभ के बीच में दीवार बने हुए हैं, वह किसानों का भला नहीं चाहते हैं. अरुण सिंह ने यहां तक कहा कि राकेश टिकैत जो आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं, उनकी पृष्ठभूमि क्या है पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोग जानते हैं. वह पहले टोल का विरोध करते हैं और उसके बाद समझौता कराते हैं. हम सब भी उनकी पृष्ठभूमि जानते हैं और वह खुद भी जानते हैं कि यह कानून कितने फायदेमंद है लेकिन जानबूझकर किसानों और कृषि कानून के लाभ के बीच में रोड़ा बने हुए हैं.
अरुण सिंह ने कहा कि जो पार्टियां समर्थन कर रही है, वह हमें यह तो बताएं कि इस कानून में कमी क्या है. हम लोगों के बीच जाकर यह बता रहे हैं कि इसके फायदे क्या है लेकिन जो इस कानून का विरोध कर रहे हैं, वह इसकी कमी नहीं बता पा रहे हैं. जब उनसे कहा गया कि राहुल गांधी राजस्थान में सभा करने आ रहे हैं तो उन्होंने कहा कि सभी को आना चाहिए और किसानों को बताना चाहिए इस कानून में कमी क्या है. राजनीतिक पार्टियों को भी अब आमने-सामने आकर आंदोलन करना चाहिए और बताना चाहिए कि इसमें क्या कमी है.
बाड़मेर पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी
कृषि कानूनों के विरोध में करीबन 3 महीनों से किसान दिल्ली को घेरे हुए हैं. किसानों और सरकार के बीच कई वार्ताओं का दौर हुआ. जिसमें किसान सरकार से कानून वापसी की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार संशोधन को तैयार है. जिसके चलते अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र बाड़मेर के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि पूरा देश देख रहा है कि किसान और किसान यूनियन से 11 दौर की वार्ता हो चुकी है और सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई है.
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कृषि कानून किसानों के हित में हैं. मोदी जी की सरकार लगातार प्रयास कर रही है और विपक्ष किसानों को भड़काने और आग में घी डालने का काम कर रहा है. विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साधना चाह रहा है. लेकिन उसमें सफलता नहीं मिलेगी. क्योंकि कुछ लोग इन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. जबकि करोड़ों करोड़ किसान इन कानूनों का समर्थन कर रहे हैं. कैलाश चौधरी ने कहा कि एमएसपी प्रशासनिक निर्णय है और प्रशासनिक निर्णय के आधार पर आगे निरंतर एमएसपी पर खरीद होती रहेगी और प्रतिवर्ष एमएसपी बढ़ाई जाती है और एमएसपी पर खरीद भारत सरकार का कमिटमेंट है.
सरकार संशोधन को तैयार
उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के नेताओं से यह निवेदन करता हूं कि अभी भी यह जो कानून है इसमें कहीं भी आपको लगता है कि इसमें संशोधन की आवश्यकता है तो उसके लिए हम तैयार हैं. किसान यूनियन के नेता सिर्फ कानूनों को रिफिल करने की बात कर रहे हैं और कुछ लोग काला कानून भी कहते हैं तो मैं उनसे यह पूछना चाहूंगा कि इन कानूनों में काला क्या है वह बताने को तैयार नहीं है.
किसान नेता प्रारंभिक मुद्दों से भटक गए हैं
कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि जिस समय किसान आंदोलन शुरू हुआ था. उस समय किसान यूनियन के नेताओं के प्रारंभ में जो मुद्दे थे वह अलग थे और जैसे-जैसे आंदोलन आगे बढ़ा वैसे इनके मुद्दे भी अलग हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जब किसान यूनियन के नेता प्रारंभिक मुद्दों पर आएंगे तो निश्चित रूप से इसका समाधान निकलेगा और हम पूरे आशावान हैं. अगली जब भी वार्ता होगी तो उस वार्ता के अंदर एक समाधान की ओर आगे बढ़ेंगे निश्चित रूप से समाधान होगा.
राहुल गांधी पर साधा निशाना
आगामी कुछ दिनों में राहुल गांधी का राजस्थान का दौरा है. जिसमें वे कृषि कानूनों को लेकर सभाएं करेंगे. ऐसे में कैलाश चौधरी ने उन पर जमकर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साधना चाह रहा है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष हर उस काम का विरोध करना है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. राहुल गांधी भी बढ़-चढ़कर उसकी शुरुआत कर रहे हैं. चाहे धारा 370 हटी तो राहुल गांधी ने विरोध किया. सीएए कानून आया तो राहुल गांधी ने विरोध किया और अब कृषि कानून आए तो इसका विरोध किया.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने दिया बयान
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे. उन्होंने उत्तराखंड की त्रासदी पर कहा कि जिन लोगों के फंसे होने की आशंका है, हम प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जल्द रेस्क्यू कर लिया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि प्राकृतिक त्रासदियां आती है, लेकिन आप उसका मुकाबला करने के लिए क्या कर रहे हैं, ये आप की पहचान होती है.
'2013 त्रासदी में उभर कर सामने आया उत्तराखंड'
उत्तराखंड में साल 2013 की त्रासदी का हमने मुकाबला किया था और फिर से एक नया उत्तराखंड उभर कर सामने आया था. उन्होंने कहा कि त्रासदी से उत्पन्न सवालों का उत्तर खोजा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में हुई त्रासदी व्यापक स्तर पर आई थी. हरीश रावत यहां उत्तराखंड देवभूमि से मिट्टी जल और पौधा लेकर पहुंचे थे.
'त्रासदी पर बनी हुई है नजर'
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड त्रासदी पर उनकी नजर लगातार बनी हुई है. इस विषय में वह पल पल के अपडेट ले रहे हैं, और अपने सजेशन भी सरकार को देंगे।क्योंकि एक बड़ी व्यापक त्रासदी से उत्तराखंड को उभारने में पूर्व में उनकी सरकार का बड़ा योगदान रहा.